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Written By ND

राज्य सेवा परीक्षा पर संकट के बादल

राज्य सेवा परीक्षा पर संकट के बादल -
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में एमपीपीएससी के परिवर्तित पाठ्यक्रम के बारे में निर्णय नहीं हो पाने से राज्य सेवा परीक्षा पर फिर संकट के बादल छा गए हैं। वहीं उच्च न्यायालय ने सहायक लोक अभियोजन अधिकारी (एडीपीओ) भर्ती परीक्षा का विज्ञापन पुनः जारी करने के निर्देश शासन को दिए हैं।

पीएससी द्वारा नवीन पाठ्यक्रम गत वर्ष शासन की स्वीकृति के लिए भेजा गया था जिस पर अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाने के कारण नई रिक्तियों की घोषणा नहीं हो पा रही है। इसका खामियाजा प्रदेश के उन लाखों प्रतियोगियों को उठाना पड़ रहा है जो वर्ष 2005 से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

कुछ समय पूर्व प्रतियोगियों ने मुख्यमंत्री से पूछा था कि पीएससी परीक्षा कब होगी जब हमारी उम्र निकल जाएगी? इस पर मुख्यमंत्री ने छात्रों को आश्वस्त किया था कि समस्या का निराकरण होगा। परंतु मंत्रिपरिषद में इस मुद्दे पर बाद में विचार करने का निर्णय लेते हुए उप समिति के हवाले कर दिया गया।

कई वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठ रहे परीक्षार्थियों का कहना है कि शासन स्पष्ट घोषणा कर दे कि अब पीएससी परीक्षाएँ नहीं होंगी तो हम दूसरा विकल्प तलाशें। प्रदेश के छोटे शहरों के हजारों परीक्षार्थी बड़े शहरों में जाकर सालों से तैयारी कर रहे हैं। कोचिंग व होस्टल में हजारों रुपया खर्च हो चुका है लेकिन परिणाम शून्य है। प्रतियोगियों को यह भी नहीं पता है कि कब तक इन्हें इस परीक्षा का इंतजार करना होगा।

ग्वालियर उच्च न्यायालय ने राज्य शासन को निर्देश दिए हैं कि सहायक लोक अभियोजन अधिकारियों की भर्ती में आयु सीमा में तीन वर्ष छूट देकर पुनः विज्ञापन जारी कर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण की जाए। उच्च न्यायालय संघ ग्वालियर के अध्यक्ष डीआर शर्मा द्वारा प्रस्तुत याचिका में कहा गया था कि पीएससी द्वारा तीन साल से परीक्षा न लेने के कारण कई प्रतियोगी आयु सीमा पार कर गए थे और राज्य शासन द्वारा दी गई तीन वर्ष की छूट का फायदा एडीपीओ परीक्षा में नहीं दिया गया था।