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Last Updated : बुधवार, 17 अप्रैल 2024 (12:29 IST)

UPSC टॉपर आदित्य श्रीवास्तव ने कहा, मेरा सपना हुआ साकार

बोले, सफल होने के लिए निरंतरता व कड़ी मेहनत जरूरी

UPSC टॉपर आदित्य श्रीवास्तव ने कहा, मेरा सपना हुआ साकार - Aditya Srivastava's first position in civil services examination
UPSC topper: सिविल सेवा परीक्षा में पहला स्थान हासिल करने वाले आदित्य श्रीवास्तव (Aditya Srivastava) ने मंगलवार को कहा कि आईएएस (IAS) के लिए चयन होना उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है। यहां राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (NPA) में आईपीएस प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे श्रीवास्तव ने कहा कि वे भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि उन्हें शीर्ष 70 में जगह मिले और जब उन्हें पता चला कि वे पहले स्थान पर हैं तो कुछ देर के लिए उन्हें यकीन ही नहीं हुआ।

 
श्रीवास्तव ने पहला स्थान हासिल किया : संघ लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2023 के परिणाम घोषित किए जिसमें श्रीवास्तव ने पहला स्थान हासिल किया है। उन्होंने पीटीआई की वीडियो सेवा से कहा कि आईएएस बनना लंबे समय से सपना था, मैं इसे हकीकत में बदलना चाहता था और इसीलिए मैं एनपीए आने के बाद भी इसमें लगा रहा।

 
उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत (सिविल सेवा परीक्षा देने की यात्रा) मेरे जीवन में काफी पहले हो चुकी थी, क्योंकि उत्तरप्रदेश और बिहार में यह एक आम बात है कि लोग आपको सिविल सेवाओं के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वह एक शुरुआत थी, उसके बाद आईआईटी और उससे मिले अवसर के कारण मैं कॉर्पोरेट सेक्टर में भी गया। लेकिन फिर मैं सिविल सेवाओं के लिए लौट आया।
 
लखनऊ के रहने वाले हैं श्रीवास्तव : उत्तरप्रदेश के लखनऊ के रहने श्रीवास्तव (27) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की और उनके पास एमटेक की डिग्री भी है। यूपीएससी परीक्षा में उनका वैकल्पिक विषय इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग था।
 
सफल होने के लिए निरंतरता व कड़ी मेहनत जरूरी : श्रीवास्तव ने कहा कि परीक्षाओं में सफल होने के लिए निरंतरता व कड़ी मेहनत जरूरी है इसके अलावा पिछले वर्षों के प्रश्नों का विश्लेषण और खुद को इस दिशा में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना कुछ ऐसी चीजें हैं जिनकी इस परीक्षा को पास करने के लिए सभी को जरूरत होती है। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी और माता गृहिणी हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि माता-पिता के सहयोग के बिना इस मंजिल तक पहुंचना संभव नहीं था।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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