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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 31 जनवरी 2012 (23:30 IST)

डसाल्ट राफेल ने जीती रक्षा सौदे की जंग

126 विमानों के लिए सबसे बड़ा सौदा

डसाल्ट राफेल ने जीती रक्षा सौदे की जंग -
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भारतीय वायुसेना को 126 लड़ाकू विमान बेचने का अरबों डॉलर का ठेका फ्रांसीसी कंपनी डसाल्ट राफेल को मिल गया है। यह देश में अपनी तरह का सबसे बड़ा सौदा है। डसाल्ट ने यूरोप की ही कंपनी ईएडीएस को पछाड़ते हुए हासिल किया।

सूत्रों ने बताया कि फ्रांसीसी कंपनी को सबसे नीची बोली लगाने वाला घोषित किया गया है। अब उसे भारत की रक्षा खरीद प्रक्रिया के अंतर्गत यह ठेका दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि फ्रांसीसी कंपनी डसाल्ट राफेल सबसे कम बोली (एल-1) लगाने वाली फर्म के रूप में सामने आई है। उसकी बोली टेंडर में यूरोपीय प्रतिद्वंद्वी ईएडीएस से सस्ती है, जिससे उसे भारतीय वायुसेना को विमान की आपूर्ति की पेशकश की जाएगी।

ईएडीएस यूरोफाइटर बनाती है। उन्होंने कहा कि डसाल्ट के प्रतिनिधियों को इस घटनाक्रम के बारे में आज सुबह सूचित कर दिया गया और आगे की बातचीत 10-15 दिन में होगी। इस अनुबंध पर अगले वित्त वर्ष में ही हस्ताक्षर होंगे।

प्रस्ताव के लिए आग्रह (आरएफपी) के अनुसार अनुबंध हासिल करने वाली कंपनी को 126 में से 18 लड़ाकू विमान तीन साल में देने होंगे। शेष विमान एचएएल के बेंगलुरु कारखाने में बनेंगे।

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी एफ-16 व एफ-18, रूस की मिग 35, स्वीडन की साब ग्रिपेन भी शुरू में इस अनुबंध की दौड़ में थी, लेकिन रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल अप्रैल में डसाल्ट व ईएडीएस को ही आगे विचार के लिए चुना।

डसाल्ट के शेयर में उछाल : भारतीय वायुसेना को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति का सौदा मिलने के समाचार के बाद डसाल्ट एविएशन के शेयर में मंगलवार को 20 प्रतिशत से अधिक का उछाल देखने को मिला। फ्रांसीसी सरकार द्वारा इस सौदे की पुष्टि किए जाने के बाद दोपहर में कंपनी का शेयर 22.22 प्रतिशत मजबूत हुआ। इस घोषणा के बाद पेरिस स्टॉक एक्सचेंज के सीएसी 40 सूचकांक में 1.50 प्रतिशत की तेजी आई। (भाषा)