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Written By भाषा
Last Modified: लंदन , रविवार, 3 जुलाई 2011 (16:06 IST)

मकड़ियों के लिए भी अभिशाप है बुढ़ापा

मकड़ियों के लिए भी अभिशाप है बुढ़ापा -
मनुष्यों की तरह मकड़ियों के लिए बुढ़ापा किसी अभिशाप की तरह ही है। फ्रांस के शोधकर्ताओं का कहना है कि अपने बुढ़ापे में मकड़ियों की जाल बुनने की शक्ति बेहद कम हो जाती है।

यूनिवर्सिटी ऑफ नैन्सी के शोधकर्ताओं ने पाया कि युवा मकड़ियां बहुत अच्छे और मजबूत जाल बनाती हैं जबकि बूढ़ी मकड़ियां उतना सुन्दर और मजबूत जाल नहीं बना पाती हैं।

अध्ययन के नतीजे ‘डेली मेल’ में प्रकाशित हुए हैं। मिलेन एनोटॉक्स के नेतृत्व वाले इस दल ने अपने शोध परिणाम में पाया कि मकड़ियों की उम्र महज 12 महीने की होती है।

वह कहती हैं कि 17 दिन की उम्र में मकड़ियां जाल बुनना शुरू कर देती हैं। इनके बुने हुए जाल बेहद सुन्दर और सुघड़ होते हैं। अपनी प्रौढ़ावस्था यानी करीब चार महीने की उम्र में उनके जालों में थोड़ी गड़बड़ी होनी शुरू हो जाती है। उम्र के आठ महीने की पड़ाव पर पहुंचने के बाद उनके जाले बेहद खराब होने लगते हैं।

मकड़ियों का दिमाग तंत्रिका तंत्र की सामान्य संरचना होती है जो शरीर के सभी अंगों का नियंत्रण करती है। (भाषा)