Last Modified: वॉशिंगटन ,
सोमवार, 11 अप्रैल 2011 (11:57 IST)
परभक्षी विषाणु की खोज
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने एक ऐसे परभक्षी विषाणु की खोज की है जो जिंदा रहने और अपने विकास के लिए दूसरे विषाणुओं का भक्षण करता है। अंटार्कटिका में ढूँढा गया यह विषाणु इस तरह का तीसरा विषाणु है।
‘प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमिक्स ऑफ साइंस’ पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रिक कैविशियोली के नेतृत्व वाले एक अंतरराष्ट्रीय दल ने इस विषाणु की खोज की है। अंटार्कटिका में डेविस केंद्र के पास उच्च लवणता वाले एक तालाब में पाए गए इस विषाणु का नाम ऑर्गेनिक लेक विरोफेज (ओएलवी) है।
ओएलवी परभक्षी श्रेणी का सिर्फ तीसरा विषाणु है। इस श्रेणी का सबसे पहला विषाणु ‘स्पूतनिक’ है जिसे साल 2008 में ढूँढा गया था। दूसरा विषाणु माविरस है।
प्रोफेसर रिक ने कहा कि एक कार्बनिक तालाब में विरोफेज (वैसे विषाणु जो दूसरे विषाणु का भक्षण करते हैं) पाए जाने से अंटार्कटिक के सूक्ष्मजीविय समुदाय को लेकर नई तरह की जटिलता पैदा हुई है। (भाषा)