जीत तुम्हारी होगी
संपादक की चिट्ठी
परीक्षा के लिए तैयारी करते हुए नींद कुछ ज्यादा ही आती है। गर्मियों के शुरूआती दिन होते भी ऐसे ही हैं। सालभर खेलकूद में ज्यादा समय देने वालों के लिए यह हुशियार होने का समय है। खाना थोड़ा कम खाओगे तो नींद भी नहीं आएगी। पढ़ते समय बेहतर है कि जो पढ़ा है उसे पक्का करते चलो। साथ-साथ दुहराते चलोगे तो परीक्षा के ऐन समय घबराहट नहीं बढ़ेगी। थोड़ा पढ़ो पर मन लगाकर पढ़ो। पढ़ाई के इन दिनों में पूरे समय पढ़ना जरूरी नहीं है। इस समय खुद को फ्रेश रखने की ज्यादा जरूरत है। फ्रेश होने के लिए थोड़ी देर टीवी भी देखी जा सकती है और थोड़ी देर किसी खेल में भाग लिया जा सकता है। यह याद रखो, दिमाग में उतना ही जाएगा जितना मन से पढ़ोगे बाकी बाहर रह जाएगा। तो ज्यादा देर पढ़ने के बजाय किस तरह पढ़ा जा रहा है इस पर ध्यान देना। जिसने सालभर ठीक तरह से पढ़ाई की है उसे तो चिंता नहीं रहती है। जिन्होंने साल-भर पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लिया उनकी चिंता बढ़ जाती है। पर घबराने के बजाय अभी मौका है। तैयारी में जुट जाओ। जीत तुम्हारी होगी।