मोबाइल भी मानेगा आपका आदेश!
कोई पचास-एक साल पहले चलती कारों में टेलीफोन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अवतरित हुए मोबाइल ने कार तो क्या, जेट की गति को भी पीछे छोड़ते हुए खुद को नेट-एज के साथ हमकदम कर लिया है।आज मोबाइल सिर्फ फोन नहीं, रेडियो, टीवी, कम्प्यूटर, डायरी, कैमरा, खिलौना सब कुछ है और अभी इसका सफर थमा नहीं है। भविष्य में यह इन सबसे भी बढ़कर बहुत कुछ होने जा रहा है।किसी जादू की छड़ी की तरह, जिसे घुमाते ही कुछ भी किया जा सकता है! इसकी जादुई शक्ति की बदौलत दुनिया ऐसी तिलस्मी होने जा रही है जैसी वह पहले कभी नहीं थी।