नासा ने चाँद रोबोट अभियान रोका
अंतरिक्ष यात्रियों के उतरने के स्थान की खोज के लिए चंद्रमा पर मानवरहित यान भेजने की योजना को नासा ने विलंबित कर दिया है। चंद्रमा पर भेजा जाने वाला यान अंतरिक्ष यात्रियों को दोबारा इस ग्रह पर भेजने की दिशा में नासा के कार्यक्रम का पहला कदम होगा। इस यान 'लूनर रिकोनायसेंसे आरबिट' का प्रक्षेपण फ्लोरिडा स्थित केप केनवेरल से दिसंबर की शुरुआत में एटलस वी राकेट के साथ होना था, लेकिन नासा इसे वायुसेना के साथ बदलने को तैयार हो गया। इसके चलते प्रक्षेपण की योजना रोक दी गई।नासा के प्रवक्ता गैरी हाउतालुओमा ने कहा नई तारीख यानी 27 फरवरी 2009 को होने वाले प्रक्षेपण से दबाव कम होगा और इससे प्रक्षेपण से जुड़े अधिक अवसर मिल सकेंगे। उन्होंने इस सप्ताह कहा था कि जब हमने कारोबार संबंधी चीजें देखीं तो लगा ऐसा करना विवेकपूर्ण है।नासा के अधिकारियों ने जोर दिया कि वे मूल लक्ष्य को पूरा कर सकते थे, लेकिन प्रक्षेपण विलंबित करने से उसे प्रतिमाह 70 लाख अमेरिकी डॉलर का खर्च आएगा। गैरी हाउतालुओमा ने कहा कार्यक्रम के संग्रहण को लेकर अतिरिक्त खर्च आएगा।प्रक्षेपण के लिए अदला-बदली का अर्थ यह है कि नासा चांद पर रोबोटयुक्त अंतरिक्ष यान के जरिए खोज करने के बुश प्रशासन के लक्ष्य को हासिल करने से चूक जाएगा। नासा की वर्ष 2020 तक वहाँ अंतरिक्ष यात्री पहुँचाने की योजना है।नासा के अनुसार राकेट निर्माण कंपनी यूनाइटेड लाँच अलायंस ने वायु सेना के साथ तारीख बदलने को लेकर उससे संपर्क किया था। वायुसेना की दोबारा इस्तेमाल में लाए जाने वाले मानव रहित यान एक्स 37बी के प्रक्षेपण की योजना है।वायु सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मार्क ब्राउन ने कहा इसका परीक्षण किया जा चुका है और वह उड़ने को तैयार है। हम आगे बढ़ सकने में सक्षम है।