स्टीफन हॉकिंग ने मेडिकल साइंस को झुठलाया
चिकित्सा विज्ञान को झुठलाते हुए मौजूदा समय के दुनिया के सर्वश्रेष्ठ भौतिकविदों में से एक स्टीफन हॉकिंग ने रविवर को अपनी 70वीं सालगिरह मनाई।यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के प्रोफेसर के पास 12 मानद डिग्रियां हैं लेकिन अकादमिक उपलब्धियों से इतर वह चिकित्सा जगत के लिए भी अनूठे हैं।मोटर न्यूरोन की बीमारी (एमएनडी) से ग्रस्त होने के बाद डॉक्टरों ने 1963 में उन्हें कुछ ही महीनों का मेहमान बताया लेकिन हॉकिंग ने उसे गलत ठहरा दिया ।एमियोट्रॉफिक लेटरल स्केलेरोसिस (एएलएस) की स्थिति वाली इस बीमारी के शिकार लोग में महज पांच प्रतिशत एक दशक से ज्यादा जी पाते हैं। भौतिकविद हॉकिंग ने इन विपरीत परिस्थितियों में भी करीब आधी सदी का सफर पूरा किया जो विलक्षण है।हॉकिंग ने कहा, ‘मैं खुशकिसमत रहा हूं कि मेरी स्थिति सामान्य के बजाए ज्यादा धीमी गति से आगे बढ़ी लेकिन यह दिखाता है कि किसी को उम्मीद नहीं खोनी चाहिए। जन्मदिन समारोह में नही हुए हॉकिंग : हॉकिंग ने भले ही रविवार को 70 साल के हो गए लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण वह जन्मदिन के मौके पर आयोजित समारोह में शरीक नहीं हो सके।कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. सर लेस्जेक बोरिसिएविज ने जन्मदिन के मौके पर आयोजित संगोष्ठी में कहा कि हॉकिंग अस्वस्थ हैं और उन्हें शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी मिली है।बोरिसिएविज ने कहा स्टीफन बीमार चल रहे हैं और उन्हें शुक्रवार को ही अस्पताल से छुट्टी मिली है। अलबर्ट आइंस्टीन के बाद दुनिया के सबसे बुद्धिमान भौतिकविद स्टीफन हॉकिंग को सुनने आए वैज्ञानिकों के लिए यह खबर बहुत ही निराशजनक थी।उन्होंने कहा कि 21 वर्ष की उम्र में पता चला था कि हॉकिंग को मोटर न्यूरॉन से संबंधित बीमारी है। वह अपने जन्मदिन के मौके पर आयोजित हो रहे इस समारोह से वेबकैम के जरिए जुड़े रहेंगे। उनकी संदेश रेकॉर्ड कर लिया गया है और उनकी गैर मौजूदगी में चलाया जाएगा।बीबीसी की खबर में बताया गया कि हॉकिंग अपने सम्मान में आयोजित तीन दिन के एक विज्ञान सम्मेलन में भी हिस्सा नहीं ले सके। (भाषा)