इसरो के अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने गुरुवार को चंद्रयान-प्रथम की अत्यधिक लागत को लेकर की जा रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अभियान के एक बेहद छोटे हिस्से को इस मिशन के लिए आवंटित किया गया है।
उन्होंने कहा तीन साल के लिए इसरो के कुल बजट का केवल तीन प्रतिशत ही इस अभियान पर खर्च किया गया है। अधिकांश खर्च ढाँचागत सुविधाओं के सृजन में लगा है, जिसे हम मंगल और बुध ग्रह पर उपग्रहों को भेजने के लिए इस्तेमाल में लाएँगे, इसलिए इस अभियान पर अत्यधिक खर्च की बात ही नहीं उठती।
चंद्रयान-प्रथम अभियान की सफलता को भारतीय वैज्ञानिक समुदाय को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा यह देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक बड़ा मोड़ है और इससे युवा वैज्ञानिक उत्साहित हुए हैं। माधवन ने कहा हमारी नजर अब वैश्विक ताप पानी की कमी और दूरचिकित्सा पर केन्द्रित है, जो गरीबों के लिए महत्वपूर्ण है।