विज्ञान और वैज्ञानिकों की कहानियों में सर्वाधिक चर्चा में रहनेवाली एक कहानी है सर आइजक न्यूटन की कहानी, कि कैसे उन्होंने एक गिरते सेब से गुरुत्वाकर्षण का रहस्य सुलझा डाला।
अब पहली बार आम लोग इंटरनेट पर उस ऐतिहासिक घटनाक्रम के दस्तावेज को देख सकते हैं, जिन पर सेब के गिरने से लेकर सिद्धांत के विकास तक की कहानी लिखी है।
न्यूटन ने इस घटना के बारे में अपने समकालीन वैज्ञानिक विलियम स्ट्यूक्ली को बताया था और उनका लिखा ब्योरा ही इस घटना का सबसे विश्वसनीय प्रमाण समझा जाता है।
स्ट्यूक्ली ने न्यूटन की जीवनी लिखी और उसमें उनके साथ सेब और गुरुत्वाकर्षण के बारे में हुई चर्चा को लिख लिया था। वह पांडुलिपि ब्रिटेन की रॉयल सोसायटी के पास सुरक्षित रखी हुई है। रॉयल सोसायटी की 350वीं वर्षगाँठ पर इस वर्ष उस पांडुलिपि को वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जा रहा है।
न्यूटन की खोज : न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का पता लगाने की घटना, साढ़े तीन सौ साल पुरानी, 1660 के दशक के मध्य की घटना है।
विलियम स्ट्यूक्ली ने लिखा है कि 1726 की बसंत में एक दिन एक सेब के पेड़ की छाया में न्यूटन ने उन्हें इस घटना के बारे में बताया। तब न्यूटन केम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ते थे। प्लेग फैलने के कारण विश्वविद्यालय के बंद होने पर न्यूटन उत्तरी इंग्लैंड में अपने घर चले गए।
न्यूटन ने स्ट्यूक्ली को बताया कि जिस तरह वह उस दिन उस सेब के पेड़ के नीचे बैठे थे, उसी तरह की अवस्था में वो एक पेड़ के नीचे बैठे सोच रहे थे जब एक सेब गिरा।
स्ट्यूक्ली लिखते हैं- 'न्यूटन बैठे सोच रहे थे। जब एक सेब गिरा, उन्होंने सोचा कि ये सेब सीधा ही क्यों गिरा, अगल-बगल या ऊपर क्यों नहीं गिरा...इसका मतलब धरती उसे खींच रही है, मतलब उसमें आकर्षण है।'
वैसे रॉयल सोसायटी की लाइब्रेरी के प्रमुख कीथ मूर का कहना है कि सेब के गिरने की कहानी शायद एक कहानी ही है जिसे न्यूटन ने बाद में आम लोगों को समझाने के लिए बना लिया।
कीथ मूर कहते हैं, 'न्यूटन ने सेब गिरने की कहानी का सहारा आम लोगों को गुरुत्वाकर्षण क्या है ये समझाने के लिए लिया और सेब के सिर पर गिरने की कहानी तो और भी बाद में बनाई गई।'
रॉयल सोसायटी : रॉयल सोसायटी दुनिया में वैज्ञानिकों की सबसे पुरानी संस्था है जिसका गठन 1660 में विज्ञान के प्रसार के उद्देश्य से किया गया था।
संस्था अपनी 350वीं वर्षगाँठ पर 60 से अधिक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक दस्तावेजों को वेबसाइट पर सार्वजनिक कर रही है। सोसायटी ने अपनी वेबसाइट पर न्यूटन के प्रतिद्वंद्वी वैज्ञानिक रॉबर्ट हुक के भी कुछ दस्तावेजों को प्रकाशित किया है। ये दस्तावेज कई सौ वर्षों तक गुम रहने के बाद हाल ही में इंग्लैंड में एक घर से बरामद हुए हैं।