पसंदीदा रंगों से जानिए क्या हैं आप?
रंगों से बदल जाती है दुनिया
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डॉ. अलका दर्शन श्रीवास्तव इस रंगीन दुनिया में हर रंग कुछ बोलता है। बिना रंगों के तो आप अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। हर रंग का कुछ अर्थ है जिसे प्रायः हम नहीं जानते। आपको अपने भाव प्रकट करने हों या किसी को कुछ उपहार में देना हो, इसका चुनाव आप आप रंगों के माध्यम से ही करते हैं। तो आइए गहराई से जानते हैं किस रंग का आखिर क्या अर्थ है।रंगों की अपनी गुप्त ऊर्जा होती है, वह एक अनंत गतिशीलता प्रदान करती है। विचारों भावनाओं तक को हम रंगों के माध्यम से व्यक्त कर सकते हैं। इसीलिए विज्ञापनों में रंगों के द्वारा कई बार कठिन संदेशों को भी कुछ ही सेकंड में अभिव्यक्त करते हुए देखा जा सकता है। व्यक्तियों, घटनाओं, अवस्थाओं, यहां तक कि सुगंध, दुर्गंध को भी चित्रों और चित्रों में भरे विभिन्न रंगों के माध्यम से पूर्णतः अभिव्यक्त किया जाता है। जन्म लिए बच्चों को रंगीन खिलौने आकर्षित करते हैं। ग्राहक रंग बिखेरते बाजार में जाना पसंद करते हैं। खुशी और गम को फूलों के रंग के द्वारा व्यक्त किया जाता है। मकानों, दुकानों, मॉल्स, प्रतिष्ठानों, कपड़ों आदि की सुंदरता भी रंगों पर निर्भर करती है। हमारे संसार का शायद ही कोई ऐसा पहलू हो जो कि रंगों के प्रभाव से मुक्त हो। जीवन में ज्ञान, प्रेम, अच्छे काम करने का उत्साह, शक्ति, त्याग, ईश्वर भक्ति आदि सभी इन रंगों के मोहताज हैं। रंगों की यह दुनिया हमें इसके मनोविज्ञान को समझने को मजबूर करती है। मनुष्य व जानवरों में इंद्रियों के द्वारा संवेदना व धारणा को मनोविज्ञान में ज्ञान प्राप्ति के मुख्य चरण माना गया है।हमारे जीवन को यह रंग किस प्रकार प्रभावित कर सकतें हैं जैसे :-
सफेद : विज्ञान सफेद को रंग नहीं मानता। सफेद रंग परावर्तक के रूप में माना जाता है, जिसमें सभी रंग समाहित होते हैं। यह शुद्घता, उज्ज्वलता, विश्व बंधुत्व, सहयोग, शांति, एकता, सत्यता तथा निष्ठा का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक प्रकृति व शांतिमय जीवन जीने वाले लोग श्वेत वस्त्र ही धारण करना पसंद करते हैं। ताकि मन निर्मल रहे, उज्ज्वल रहे तथा देखने वाला भी उन्हें देखकर शांति महसूस करें। उसके मन में कटुता का जन्म न हो। काला : विज्ञान के मतानुसार काला रंग न होकर अवशोषक के रूप में जाना जाता है, जो कि प्रकृति में उपलब्ध सभी रंगों का अवशोषण करता है। सामान्यतः काला रंग अंधकार, निद्रा, भय, अज्ञान, राक्षसी व हिंसात्मक प्रवृति का सूचक है। मूल रूप से लाल, नीला व हरा रंग आधार रंग हैं। शेष रंग इन्हीं तीन रंगों के मिश्रण हैं। लाल रंग : साहित्यिक दृष्टि से लाल रंग प्रेम का प्रतीक है। लाल रंग से देशभक्ति और अनुराग की सूचना मिलती है। हृदय की धड़कन को बढ़ाने का काम लाल रंग करता है। यह रंग उत्साह, साहस और गतिशीलता को दर्शाने वाला होता है। लाल रंग उत्तेजना को उत्पन्न करता है तथा भावनाओं को उबारता है। क्रोध और खतरे को व्यक्त करने के लिए इसी रंग का सहारा लिया जाता है। अतः इसे युद्घ के देवता का रंग भी माना जाता है। नीला रंग : नीला रंग आंखों को आराम देने का काम करता है। मन को शीतल करने व क्रोध को नष्ट करने के लिए उपयोगी है। मानसिक रोगियों को नीले रंग से राहत मिलती है। वैज्ञानिकों ने अपने प्रयोगों के माध्यम से सिद्घ किया है कि नीला रंग ताजगी व स्फूर्ति प्रदान करता है। गहरा नीला रंग पूर्ण शांति का परिचायक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ शांति और शीतलता के लिए नीले परदे व कमरे का रंग भी नीला रखने की सलाह देते हैं। यह रंग मौलिक रचना करने व कल्पना करने की और प्रेरित करता है। लुशर कलर टेस्ट के अनुसार यदि कोई व्यक्ति नीले रंग को नापसंद करता है तो समझों कि वह पारस्परिक सद्भाव व विश्वास की कमी के कारण खिन्नता महसूस करता है। हरा रंग : यह रंग शीतलता, स्फूर्ति तथा पुनः जीवन उत्पन्न करने वाला माना जाता है। जो लोग हरा रंग पसंद करते हैं उनमें स्वत्व की मात्रा अधिक होती है। वे स्पष्टवादी होते हैं व दूसरों को प्रभावित करने की इच्छा रखते हैं। उनका जीवन प्रेममय होता है। अधिक परिश्रम करने वाले व्यक्तियों के शरीर को इस रंग से आराम मिलता है। यह रंग मन को एकाग्र करने में सहायक होता है। गहरा हरा रंग शत्रुता को भी दर्शाता है।पीला रंग : पीला रंग प्रकाश, ज्योति और प्रसन्नता का घोतक है। यह रंग प्रसन्नता व उमंग उत्पन्न करता है। इसको देखने से मन में प्रकाश और ज्ञान का आभास होता है। यह भावों को प्रेरित करता है व बुद्घि को प्रखर बनाता है। यह सूर्य का रंग कहलाता है। रक्त का संचार बढ़ाता है। पूजा-पाठ में पीला रंग शुभ माना जाता है। थकान को दूर करता है। पीले रंग को पसंद करने वाले व्यक्ति लक्ष्य की और उन्मुख गतिविधि व विकासशील होते हैं। विवाह के अवसर पर कन्या को पीले वस्त्र देना व विवाह संस्कार पूर्ण करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। गुलाबी रंग : यह रंग कोमलता और भावुकता का प्रतीक है। इस रंग को पसंद करने वाले लोग दुनिया से डरने वाले होते हैं। बादामी रंग : यह रंग दृढ़ता का प्रतीक है। इसे पसंद करने वाले प्रेमी स्वभाव वाले, मित्र व हितैषी समझे जाते हैं। नारंगी रंग : यह रंग जीवन की शक्ति का संचार व बल वृद्घि का सूचक है। शीघ्र ही चिड़चिड़ेपन को भी दर्शाने वाला होता है। यह रंग कलात्मक कार्यों में रूचि रखने वालों को पसंद आता। बैंगनी रंग : शान, महत्व, राजसी प्रभाव को व्यक्त करने वाला यह रंग जितना कलात्मक है उतना ही भावनात्मक भी है।