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Written By वार्ता
Last Modified: वॉशिंगटन (वार्ता) , गुरुवार, 6 नवंबर 2008 (22:10 IST)

गहरी सोच वाले होंगे मंत्रिमंडल में

गहरी सोच वाले होंगे मंत्रिमंडल में -
दुनिया के सबसे ताकतवर देश का राष्ट्रपति चुने जाने के साथ बराक ओबामा को अब इस पद से जुड़ी चुनौतियों और जिम्मेदारियों से निबटने के लिए मजबूत और गहरी सोच वाले रणनीतिकारों की जरूरत होगी। ऐसे में उनके मंत्रिमंडल मे कुछ ऐसे नए पुराने चेहरों को जगह मिल सकती है, जिनका अमेरिका की राजनीति में खासा प्रभाव रहा है।

हालाँकि नई सरकार का कामकाज 20 जनवरी 2009 को ओबामा के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ही शुरू होगा, लेकिन मौजूदा गंभीर आर्थिक संकट और अफगानिस्तान और इराक में अमेरिकी सैन्य अभियान जैसे मुद्दों पर निर्णायक फैसले के लिए ओबामा मंत्रिमंडल के सदस्यों के चयन में ज्यादा देर नहीं करेंगे और यह प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू हो जाएगी।

मेरी लैंड विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के राजनीतिक सलाहकार रहे विलियम गालस्टन के मुताबिक नई सरकार को सत्ता का हस्तांतरण इस बार कुछ तेजी से होगा।

मंत्रिमंडल के लिए सबसे पहले वित्तमंत्री का चयन होगा। इस बार यह पद काँटों के ताज से कम नहीं होगा। उसके एक ओर 700 अरब डॉलर का बेल आउट पैकेज है तो दूसरी ओर वित्त व्यवस्था के लिए कड़ी नियामक प्रणाली तय करने की चुनौती। इस पद के लिए तीन प्रमुख दावेदार हैं।

पहला पूर्व वित्तमंत्री लारेंस समर, दूसरा फेडरल रिजर्व के पूर्व प्रमुख पाल वोल्कर और तीसरा फेडरल रिजर्व ऑफ न्यूयॉर्क के पूर्व अध्यक्ष टिमोथी गेटनर। इस पद के लिए शिकागो के अर्थशास्त्री ऑस्टन गुल्सबी और क्लिंटन के पूर्व सलाहकार जैसन फ्रुमान के नामों की भी चर्चा है।