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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 8 अप्रैल 2025 (17:01 IST)

एक बेहतर भारत के निर्माण में डॉ. अंबेडकर का योगदान, पढ़ें 10 अनसुनी बातें

Ambedkar
ambedkar birth anniversary: 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर या डॉ. अंबेडकर की जयंती मनाई जा रही है। उन्हें भारत के महानायक, समाजसेवी, अद्वितीय प्रतिभा के धनी, विद्वान और दार्शनिक के रूप में जाना जाता है। उनके जीवन की अनमोल बातें हम सबकी जिंदगी को बदलने में कारगर सिद्ध हो सकती हैं। आइए जानते हैं उनके प्रमुख योगदान क्या-क्या हैं? ALSO READ: अंबेडकर जयंती 2025: समाज सुधारक डॉ. भीमराव के जीवन की प्रेरक बातें
 
1. भारतीय संविधान के जनक: डॉ. अंबेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री बने और उन्होंने संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है, जिसने सभी नागरिकों को समानता, न्याय और मौलिक अधिकार प्रदान किए। डॉ. अंबेडकर और उनकी टीम द्वारा रचित 315 अनुच्छेद का संविधान 26 नवंबर 1949 को पारित किया गया।  
 
2. सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष: उन्होंने अपना पूरा जीवन दलितों और अन्य वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने जातिवाद और अस्पृश्यता के खिलाफ आवाज उठाई और उनके सामाजिक उत्थान के लिए शिक्षा और सशक्तिकरण को महत्वपूर्ण माना।
 
3. महिलाओं के अधिकार: डॉ. अंबेडकर महिलाओं के अधिकारों के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने उनके लिए समान अवसर और कानूनी सुरक्षा की वकालत की।
 
4. श्रमिकों का हित और उनके अधिकार: उन्होंने श्रमिकों की बेहतर कार्य परिस्थितियों और अधिकारों के लिए भी बहुत संघर्ष किया। उन्होंने हमेशा समाज के दबे-कुचले तथा गरीब लोगों के हित के लिए कार्य किया और संविधान बनाकर देश में कानून स्थापित किया।
 
5. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): उनके अर्थशास्त्र संबंधी विचारों ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
 
6. बौद्ध धर्म अपनाना: हिंदू धर्म में व्याप्त जातिवाद से निराश होकर, उन्होंने 1956 में बौद्ध धर्म अपनाया और लाखों दलितों को भी इस मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्हें महान बौद्ध भिक्षु महंत वीर चंद्रमणी, जो कि बौद्ध धर्म की दीक्षा देते थे, ने 'इस युग का आधुनिक बुद्ध' कहकर संबोधित किया था।
 
7. पार्टी गठन: उन्होंने स्वतंत्र लेबर पार्टी, भारतीय रिपब्लिकन पार्टी, शेड्युल्ड कास्ट फेडरेशन का गठन किया था।
 
8. अशोक चक्र: भारतीय तिरंगे में 'अशोक चक्र' को जगह देने का श्रेय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को ही जाता है।
 
9. सम्मान: उन्हें 1956 में बोधिसत्व सम्मान, मरणोपरान्त 1990 में भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान तथा 2004 में कोलंबियन अहेड ऑफ देअर टाईम, 2012 में द ग्रेटेस्ट इंडियन से सम्मानित किया गया था। 
 
10. अंतिम पांडुलिपि : वे डायबिटीज/ मधुमेह रोग से पीड़ित थे तथा आंखों की कमजोर दृष्टि से ग्रस्त थे। उन्होंने अपनी अंतिम पांडुलिपि 'बुद्ध और उनके धम्म' को पूर्ण करने के 3 दिन पश्चात दिल्ली में अपने आवास पर 06 दिसंबर 1956 को उनकी मृत्यु नींद में ही हो गई थी।
 
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