भगवान कुंज बिहारी की आरती | Aarti Kunj Bihari Ki  
					
					
                                       
                  
				  
                  				  Shri krishna ki aarti: भगवान श्री कृष्ण की कुंज बिहारी के नाम से कुछ आरतियां प्रचलित है। ब्रजमंडल में खासकर वृंदावन में इन आरतियों का गान होता रहता है। मासिक अष्टमी, कृष्ण जन्माष्टमी और गीता जयंती आदि अवसरों पर प्रामाणिक आरती जरूर पढ़ें।
				  																	
									  
	 
	भगवान् कुंजबिहारी
	 
	आनंद आज कुंज के द्वार।
				  
	सखी सकल मिलि मंगल गावत,
	नयनन निरखत नंद-दुलार।।
	 
				  						
						
																							
									  
	नव-नव बसन नवल, नव-
	भूषण, पुष्प, दाम सिंगार।
	सुभ मंडप में रुचिर बिराजत-
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	मनमोहन संग (श्री) राधा नार।।
	 
	दीपमालिका रची चहूं दिसि,
				  																	
									  
	जगमगात अंग ज्योति अपार।
	वारि आरती जुगल रूप पर।
	परमानंद दास बलिहार। 
				  																	
									  संदर्भ : आरती संग्रह गीता प्रेस गोरखपुर