रघुवर जी की आरती | Raghuvar Ji Ki Aarti: श्री रामचंद्र जी की कई आरतियां गाई जाती है। आरती श्री राम जी की आरती के अलावा रघुवरजी की भी दो आरतियां प्रचलित हैं। जैसे आरती कीजे श्री राम लला की और आरती कीजे रामचंद्र जी की। यहां पढ़ें भगवान् श्री राम रघुवीर जी की आरती।
Aarti Kije Shri Raghuvar Ki | आरती कीजे श्री रघुवीर की
भगवान् श्री राम रघुवीर जी की आरती
ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन।
हरन दुखदुंद गोबिंद आनंदघन।।
अचर चर रूप हरि, सर्वगत, सर्वदा
बसत इति बासना धूप दीजै।।
दीप निजबोधत कोह-मद-मोह-तम
प्रौढ़ अभिमान चित्तवृत्ति छीजै।।
भाव अतिशय विशद प्रवर नैवेद्य शुभ
श्रीरमण परम संतोषकारी।
प्रेम-तांबूल गत शूल संशय सकल,
विपुल भव-वासना-बीजहारी।।
अशुभ-शुभ कर्म घृत-पूर्ण दशवर्तिका,
त्याग पावक, सतोगुण प्रकासं।
भक्ति-वैराग्य-विज्ञान दीपावली,
अर्पि नीरांजन जगनिवासं।।
विमल हृदि-भवन कृत शांति-पर्यंक शुभ,
शयन विश्राम श्रीरामराया।
क्षमा-करुणा प्रमुख तत्र परिचारिका,
यज्ञ हरि तत्र नहिं भेद माया।।
आरती-िनरत सनकादि, श्रुति, शेष, शिव,
देवरिष, अखिलमुनि तत्त्व-दरसी।
करै सोइ तरै, परिहरै कामादि मल,
वदति इति अमलमति दास तुलसी।।