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छाती की एक्सरसाइज : दोनों हाथों की अंगुलियों को एक-दूसरे में फंसाकर हाथों की हथेलियों को सिर के ऊपर उल्टा कर दें और हाथों को लंबा करते हुए ऊपर खींचें। इस दौरान फेफड़ों में अच्छे से हवा भरें और धीरे-धीरे छोड़ दें। इसी अवस्था में थोड़ा दाहिने और थोड़ा बाएं झुकें। इस दौरान फिंगर लॉक लगे हुए आपके हाथ सिर के ऊपर ही रखें।
इस योगा एक्सरसाइज से आपकी छाती और कंधों में आराम मिलेगा। हाथों की अंगुलियों का दर्द भी समाप्त हो जाएगा। कम्प्यूटर टाइपिंग करते रहने से अंगुलियां भी दर्द करने लगती हैं।
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रीढ़ की हड्डी : अब अपनी रीढ़ की हड्डी को कमर से घुमाएं- पहले दाईं ओर फिर बाईं ओर। 3 से 5 बार ऐसा करें। इस दौरान आपके हाथ की अंगुलियों से कंधे को पकड़कर रखें और गहरी सांसें लें।
रीढ़ की हड्डी में लगातार दर्द बने रहने के कारण या इसकी निष्क्रियता से सांसों के रोग, क्रानिका, एम्फीजिमा, स्लिप्ड डिस्कसिण्ड्रोम, लंबर स्पांडिलाइसिस आदि कई तरह के रोगों का जन्म हो सकता है।
रीढ़ की बीमारी से बचने के पहले सीधे खड़े हो जाएं। हाथ नीचे स्वाभाविक स्थिति में रखें। इस स्थिति में हाथ कोहनी से मोड़े बगैर खिंचे हुए पीछे की ओर ले जाएं। इसी के साथ गर्दन ऊपर उठाकर गहरी श्वास लें।
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* कंधों की एक्सरसाइज : अब अपनी फिंगर लॉक को खोलकर दाएं हाथ की अंगुलियों को दाएं और बाएं हाथ की अंगुलियों को बाएं कंधे पर रखें। अब कोहनियों को क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज घुमाइए। इससे आपके कंधे और गर्दन का दर्द समाप्त होगा और उनका तनाव भी खत्म होगा। आप जितना बड़ा सर्कल बना सकें, बनाएं और इस दौरान सांसों को गहराएं।
कंधे की समस्याओं से अकसर लोग पीड़ित रहते हैं। उसका कारण है लगातार टाइपिंग करना या निरंतर माउस संचालित करते रहना। कंधे का महत्वपूर्ण जोड़ बॉल और सॉकेट होता है। अंगुलियों के पोरों को एक-दूसरे से मिलाते हुए उन्हें कंधे पर रखें। फिर कोहनियों को दाएं से बाएं और बाएं से दाएं घुमाएं। ठीक इसके विपरीत भी करें। यह बेहतर योगा एक्सरसाइज है।
दाएं से बायां और बाएं हाथ से दायां कंधा पकड़कर उसे दबाएं। फिर हाथों से एक-दूसरे हाथ की कलाई पकड़कर ऊपर उठाते हुए सिर के पीछे ले जाएं। श्वास अंदर भरते हुए दाएं हाथ से बाएं हाथ को दाहिनी ओर सिर के पीछे से खीचें। गर्दन व सिर स्थिर रहे। फिर श्वास छोड़ते हुए हाथों को ऊपर ले जाएं। इसी प्रकार दूसरी ओर से इस क्रिया को करें।
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गर्दनी की एक्सरसाइज : अब अपने पैरों की जंघा पर अपने हाथ रख दें। अब अपनी गर्दन को पीछे की ओर ले जाएं और छाती को फुलाएं। अब गर्दन को दाईं और जितना हो सके, घुमाएं और उसके बाद बाईं और घुमाएं। अब अपने सिर को आगे लटका दें। इस दौरान आपकी ठुड्डी आपकी छाती को छू लेगी, ठीक इसी वक्त गहरी सांस लें और छोड़ें।
गर्दन को आराम से दाएं घुमाकर कुछ देर तक दाएं ही रखें, फिर इसी तरह धीरे-धीरे बाएं घुमाएं। तत्पश्चात ऊपर और नीचे करें। 15 सेकंड तक ऊपर और 15 सेकंड तक नीचे रखें। फिर दाएं से बाएं गोल-गोल घुमाएं, फिर बाएं से दाएं गोल-गोल घुमाएं। इसे ब्रह्म मुद्रा भी कहते हैं।
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आंखें और चेहरा : अब अपने हाथों से अपनी आंखों और चेहरे को हल्के से धीरे-धीरे मसलें। इससे आपको पहले की अपेक्षा अच्छा दिखाई देने लगेगा और चेहरा भी फ्रेश महसूस करेगा। कुछ सेकंड के लिए हथेलियों से दोनों आंखों को ढंक दें। फिर मुंह में हवा भरें और गालों को फुलाते हुए भरी हुई हवा को बॉल की तरह कुछ सेकंड तक दाएं-बाएं घुमाएं। फिर मुंह को 5 बार खोलें और बंद करें। कान को मरोड़ें या रगड़ें।
जितनी पास देखते हैं उससे कहीं दूर देखने और पढ़ने का सहज क्रम जारी रखें अन्यथा दूरदृष्टि कमजोर होने लगेगी। आगे और सीधे देखें। धीरे-धीरे आंखों की पुतलियों को दाएं-बाएं, ऊपर-नीचे और फिर गोल-गोल घुमाएं। छत पर देखें, फर्श पर देखें, फिर दूर दीवार पर देखें। कम से कम 30 सेकंड के लिए आंखें बंद कर दें। ऐसा कम से कम 5 बार करें तो आंखें रिफ्रेश होती रहेंगी।
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पंजों की एक्सरसाइज : अब अपने पैरों के पंजों को भूमि पर रगड़ें। मौजे पहन रखे हैं तो उन्हें उतार दें। पंजों की अंगुलियों को अप एंड डाउन करें। कुछ देर तक पंजों की अंगुलियों को अंदर खींचकर रखें और कुछ देर ऊपर खींचकर रखें।
अब पैरों को घुटनों से सीधा करके पंजों को भूमि से उठाकर क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज घुमाएं। फिर पूरे पंजे को एड़ी सहित आगे एवं पीछे दबाएं। यह अभ्यास सायटिका पेन तथा घुटनों के लिए उपयोगी है। इस अभ्यास को 8-10 बार करें।
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अंगुलियों और कलाई के लिए एक्सरसाइज : दोनों हाथों को सामने फैलाकर हथेलियों को भूमि की ओर रखें। फिर अंगुलियों को बलपूर्वक धीरे-धीरे मोड़ें और सीधा करें अर्थात मुट्ठी बंद करना और खोलना। इस अभ्यास को 8-10 बार कर सकते हैं।
इसके पश्चात अंगूठे को मोड़कर अंगुलियों से दबाते हुए मुक्के जैसी आकृति बनाएं, फिर धीरे-धीरे खोलें। इस प्रकार 10-12 बार कर सकते हैं।
फिर अंगूठे को मोड़कर अंगुलियों से दबाते हुए दोनों हाथों की मुट्ठियां बंद करके सामने कंधे के समानांतर सीधा रखें तथा मुट्ठियों को क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज घुमाएं। कोहनियां सीधी रहनी चाहिए। इस अभ्यास को 4-6 बार कर सकते हैं।
फिर दोनों हाथों को सामने फैलाकर हाथों के अंगूठे को बारी-बारी से सभी अंगुलियों से स्पर्श कराएं, जैसे हम अंगुलियों पर गिनती गिनते हैं उसी तरह। ऐसा 8-10 बार करें।
फिर अंगुलियों के पृष्ठ भाग के नाखून अगले हिस्से को अंगूठे से दबाएं। इस एक्सरसाइज में प्रत्येक अंगुली से शून्य की आकृति बनेगी। एक हाथ से 4 से 6 बार करें।
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हस्त-मुद्राएं : योग की हस्त मुद्राओं को करने से जहां निरोगी काया पाई जा सकती है वहीं यह मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखती है। हस्त मुद्राओं को अच्छे से जानकर नियमित करें तो लाभ मिलेगा। हस्त मुद्राएं कभी भी और कहीं भी की जा सकती हैं।
हस्त मुद्राएं कई रोगों में लाभदायक सिद्ध होती हैं। जिन लोगों के पास समय नहीं है उन्हें हस्त मुद्राएं सीख लेना चाहिए।
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तनाव : ऑफिस में तनाव होने के कई कारण हो सकते हैं। तनाव से निजात पाने के लिए अनुलोम-विलोम का नियमित अभ्यास करें और नकारात्मक विचारों और भावों को अपने पास फटकने न दें। सिर्फ 1 मिनट के ध्यान और प्राणायाम के छोटे से उपाय से शांति पाई जा सकती है।
अत्यधिक विचार, भीड़, शोर और प्रदूषण हमारे मस्तिष्क की शांति को भंग करते हैं। अशांत और बेचैन रहने की भी आदत हो जाती है। उक्त आदतों से सिर्फ ध्यान और प्राणायाम ही छुटकारा दिला सकता है।