सिलहट: अब तक अधिकतर मैचों में एकतरफा जीत दर्ज करने वाली भारतीय टीम शनिवार को यहां श्रीलंका के खिलाफ होने वाले महिला एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में रिकॉर्ड सातवीं बार खिताब जीतकर इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता में अपनी बादशाहत फिर से कायम करने के लिए उतरेगी।
इन दोनों टीमों के बीच राउंड रोबिन मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 150 रन बनाए थे और फिर श्रीलंका को 109 रन पर आउट कर दिया था।फाइनल की बात करें तो भारत कभी भी श्रीलंका से नहीं हारा है। श्रीलंका ने आखिरी बार साल 2008 में फाइनल में जगह बनाई थी।
इस प्रतियोगिता में भारत को अपने दूसरी श्रेणी के खिलाड़ियों को आजमाने का मौका मिला। इससे भारतीय टीम की मजबूती का भी पता चला क्योंकि उसने कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना के बहुत योगदान नहीं देने के बावजूद आसानी से फाइनल में जगह बनाई।
भारतीय टीम का प्रभाव इस कदर रहा कि कप्तान हरमनप्रीत ने केवल चार मैच खेले जिसमें उन्होंने 81 रन बनाए तथा 72 गेंदों का सामना किया। यहां तक कि तीन मैचों में कप्तानी का जिम्मा संभालने वाली मंधाना भी एक मैच में नहीं खेली थी। उन्होंने भी अपनी तरफ से बहुत अधिक योगदान नहीं दिया।
टूर्नामेंट की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि जूनियर खिलाड़ियों ने दबाव की परिस्थितियों में भी अच्छा प्रदर्शन किया। तीन युवा खिलाड़ियों - 18 वर्षीय शेफाली वर्मा (161 रन और तीन विकेट), 22 वर्षीय जेमिमा रोड्रिग्स (215 रन) और 25 वर्षीय दीप्ति शर्मा (94 रन औैर 13 विकेट) ने बखूबी जिम्मेदारी संभाली।
भारत को टूर्नामेंट में एकमात्र हार चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से मिली। भारत को पाकिस्तान से बदला लेने का मौका नहीं मिला क्योंकि श्रीलंका ने सेमीफाइनल में उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया।
जहां तक फाइनल का सवाल है तो भारत का पलड़ा भारी नजर आता है क्योंकि श्रीलंका की तरफ से केवल एक बल्लेबाज ओशादी रणसिंघे ने 100 से अधिक स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। यही नहीं उसके केवल दो बल्लेबाजों हर्षिता मडावी (201 रन) और निलाक्षी डी सिल्वा (124 रन) ने ही टूर्नामेंट में अब तक 100 से अधिक रन बनाए हैं।
यहां तक कि उसकी नामी बल्लेबाज चमारी अटापट्टू केवल 96 रन बना पाई है और उनका स्ट्राइक रेट 85 है। गेंदबाजी में केवल एक गेंदबाज बाएं हाथ की स्पिनर इनोका रणवीरा (12 विकेट) ही प्रभाव छोड़ पाई है।ऐसे में श्रीलंका के लिए भारत जैसी टीम को टक्कर देना बहुत मुश्किल होगा। हालांकि चार साल पहले मलेशिया में बांग्लादेश ने भारत को उलटफेर का शिकार बना कर खिताब जीत लिया था।
सेमीफाइनल में पाकिस्तान को हराने के बाद श्रीलंका के हौसले बुलंद होंगे लेकिन फाइनल उसके लिए कड़ी परीक्षा बनने जा रहा है।
भारतीय खिलाड़ियों में जेमिमा ने अपने खेल में निरंतरता दिखाई है जबकि दीप्ति ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में जिम्मेदारी भरा प्रदर्शन किया है। टूर्नामेंट से पहले खराब फॉर्म में चल रही शेफाली ने लय हासिल कर ली है। उनकी लेग ब्रेक गेंदबाजी भी उपयोगी साबित हुई है।
भारत इसलिए खिताब का दावेदार है क्योंकि उसका स्पिन आक्रमण बेहद मजबूत है जिसमें दीप्ति, राजेश्वरी गायकवाड और स्नेह राणा ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। परिस्थितियां वैसे भी स्पिनरों के अनुकूल है और ऐसे में भारतीय टीम फाइनल में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
टीम इस प्रकार हैंभारत: हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना, शेफाली वर्मा, एस मेघना, जेमिमा रोड्रिग्स, दीप्ति शर्मा, ऋचा घोष (विकेटकीपर), दयालन हेमलता, स्नेह राणा, राधा यादव, राजेश्वरी गायकवाड़, रेणुका ठाकुर, मेघना सिंह, किरण नवगीरे और पूजा वस्त्राकर।
श्रीलंका: चमारी अटापट्टू (कप्तान), निलाक्षी डी सिल्वा, कविशा दिलहारी, अचिनी कुलसुरिया, सुगंधा कुमारी, हर्षिता समरविक्रमा, मधुशिका मेथटानंद, हसीनी परेरा, ओधादी रणसिंघे, इनोका रणवीरा, अनुष्का संजीवनी, कौशानी नुथ्यंगना, मालशा शेहानी और मालशा शेहानी।
मैच भारतीय समयानुसार दोपहर बाद एक बजे शुरू होगा।