क्या राहुल गांधी को वाकई नहीं पता मेनिफेस्टो का मतलब... जानिए वायरल वीडियो का पूरा सच..
चुनावी मौसम में सोशल मीडिया पर प्रचार और प्रहार का दौर जोरों से चल रहा है। इसी मौसम में सोशल मीडिया पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी को यह तक नहीं पता कि मेनिफेस्टो यानी घोषणापत्र क्या होता है। वायरल वीडियो में आप राहुल गांधी को मेनिफेस्टो को ‘एक लिमिटेड फंड’ बताते सुन सकते हैं। ट्विटर और फेसबुक पर ‘मेनिफेस्टो (घोषणा पत्र) क्या होता है ये जानिये राहुल से! कितना होनहार बंदा है।’ कैप्शन के साथ इस वीडियो को काफी शेयर किया जा रहा है।
क्या है सच?
वीडियो में कई जगह कांग्रेस पार्टी का लोगो लगा है और नीचे लिखा है- ‘Interaction 30th October2018, At Indore’।
वीडियो के आखिरी में ‘LIVE: CP Rahul Gandhi’s Interaction with Business Community and Professionals’ स्लग दिखता है।
इसी स्लग को हमने यूट्यूब पर मौजूद कांग्रेस के ऑफिशियल चैनल पर सर्च किया, तो हमें इस कार्यक्रम का पूरा वीडियो मिल गया। 16 सेकंड का वायरल वीडियो असल में राहुल गांधी के एक घंटे 19 मिनट लंबे वीडियो का ही एक छोटा हिस्सा है।
आपको बता दें कि 30 अक्टूबर 2018 को राहुल गांधी ने इंदौर में व्यापारी समुदाय से बातचीत की थी, उसी दौरान उन्होंने मेनिफेस्टो का भी जिक्र किया था। एक रेत व्यापारी के सवाल के जवाब में राहुल गांधी कह रहे थे कि कांग्रेस रेत व्यापारियों से चर्चा करने के बाद अपना मेनिफेस्टो बनाए।
वीडियो के 49:39वें मिनट पर राहुल गांधी कह रहे हैं- ‘देखिए, जो भी चीफ मिनिस्टर बनेगा, मेरे साइड से उसकी अकाउंटबिलिटी मेनिफेस्टो होगी। मैं और कुछ नहीं देखूंगा। मैं सीधा यह देखूंगा कि भैया, ये हमने कमिटमेंट दिए हैं मध्य प्रदेश को..आप कमिटमेंट पूरी कर रहे हो..हां या ना। तो अगर आपने मेनिफेस्टो में अपनी बात डाल दी..तो वह कमिटमेंट आपकी पूरी हो जाएगी। मेनिफेस्टो में सब चीज डाली भी नहीं जा सकती है। ये तो आप समझते हैं क्योंकि वह लिमिटेड फंड है..लिमिटेड पैसा है। मगर आप उसको डाल देंगे तो हम आपको दे देंगे।’
राहुल गांधी का पूरा बयान सुनकर यह स्पष्ट हो गया कि वह कह रहे हैं कि मेनिफेस्टो में हर किसी की मांग को नहीं शामिल किया जा सकता है क्योंकि घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए सीमित फंड होता है।
हमारी पड़ताल में यह साबित हुआ कि राहुल गांधी के जिस वीडियो को शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि उन्हें मेनिफेस्टो का मतलब नहीं पता, वह भ्रामक है।