Fact Check: क्या कोरोना के चलते हिंदुओं का भगवान पर से उठ गया भरोसा, घरों से निकाल फेंकी मूर्तियां? जानिए वायरल VIDEO का सच
भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में थोड़ी कमी जरूर आई है, लेकिन इस खतरनाक संक्रमण से हो रही मौतों का आंकड़ा हर रोज बढ़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 2 लाख 67 हजार 334 नए मामले सामने आए हैं और 4529 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि हिन्दुओं का अपने भगवानों से भरोसा उठ गया है क्योंकि उन्होंने कोरोना से उनकी रक्षा नहीं की। इसलिए अब वो भगवान की मूर्तियों को अपने-अपने घरों से बाहर निकाल रहे हैं और उन्हें नष्ट कर रहे हैं। इस दावे के साथ एक न्यूज बुलेटिन की क्लिप जमकर शेयर की जा रही है।
क्या है वायरल-शिया वेव्स नाम के न्यूज आउटलेट के एक बुलेटिन में एंकर कह रहा है कि भारत में हिन्दुओं को उनके देवताओं ने कोरोना से नहीं बचाया, इससे नारज होकर वो अब इन मूर्तियों को फेंक रहे हैं। इस बुलेटिन में दो वीडियो क्लिप दिखाई गई हैं। पहली क्लिप में एक जेसीबी मशीन सडक पर रखी भगवान की मूर्तियों को हटाते नजर आ रही है, वहीं दूसरी क्लिप में एक ट्रक में रखी मूर्तियों को नदी में फेंकते देखा जा सकता है। आउटलेट ने मूर्तियों के बारे में ये दावा करते हुए आर्टिकल भी पब्लिश किया है।
क्या है सच-शिया वेव्स के बुलेटिन में किया जा रहा दावा पूरी तरह से फर्जी है। बुलेटिन में इस्तेमाल किए गए दोनों वीडियो कोरोना काल से पहले के हैं।
हमने गूगल क्रोम के InVID टूल की मदद से दोनों वीडियो क्लिप्स के कीफ्रेम्स निकाले। पहली क्लिप के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें अहमदाबाद नगर निगम के कमिश्नर विजय नेहर का एक ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने वायरल वीडियो जैसी ही तस्वीरें शेयर की थीं। 11 अगस्त 2019 के इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था “आज अहमदाबाद में कुछ अद्भुत हो रहा है। नागरिकों ने साबरमती नदी को साफ रखने का फैसला किया है। दशामा की मूर्तियों को नदी में विसर्जित करने के बजाय, उन्होंने आदरपूर्वक उन्हें किनारे पर छोड़ दिया!! अविश्वसनीय परिवर्तन।” उनके इस ट्वीट पर एक यूजर ने एक वीडियो शेयर किया है, जो वायरल न्यूज बुलेटिन में दिख रहा है।
वहीं, दूसरी क्लिप के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें न्यूज एजेंसी
एएफपी का एक फैक्ट चेक मिला। एएफपी ने अपने फैक्ट चेक में बताया कि यह वीडियो तेलंगाना में हुए गणपति विसर्जन का है और यह 2015 से सोशल मीडिया पर मौजूद है।