क्या है सच-
फेसबुक पर ਲੋਕ ਰੰਗ -Lok Rang नाम के यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- “सैनिक ने कहा, “हम यह नौकरी नहीं चाहते हैं। हमें किसानों, मजदूरों और हमारे माता-पिता पर लाठीचार्ज करना पड़ा। कृपया शेयर करें। भक्तों को विश्वास नहीं होगा, लेकिन उन्हें इसे देखना चाहिए।”
ट्विटर पर भी यूजर्स ने इसी तरह के दावा किया है।
क्या किसी बिकाऊ मीडिया ये दिखाया.. देखिये कैसे पुलिस वाला बोला जब मेरे बाप को ही सरकार मार डालेगी तो मैं जी कर क्या करुंगा.....
— Mo. ayoob (@ayub0968) January 30, 2021
जय जवान जय किसान pic.twitter.com/r3yy0BLRzS
क्या है सच-
हमने InVID टूल की मदद से वायरल वीडियो के स्क्रीनग्रैब्स निकाले और फिर उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। सर्च रिजल्ट में हमें The Followup नाम के यूट्यूब चैनल का एक वीडियो मिला। वीडियो को 18 सितंबर 2020 को अपलोड किया गया था। गौरतलब है कि किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई 26 जनवरी 2021 को हुई थी।
वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “लाठीचार्ज के बाद गुस्से में हैं आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मी, सुनिये! क्या बोल रहे हैं।”
वीडियो के मुताबिक, ये वीडियो झारखंड में हुए सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन का है। जहां आंदोलनकारी मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे थे। उस दौरान सरकार के आदेश पर उन पर लाठीचार्ज करवाया गया।
वेबदुनिया की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। यह वीडियो दिल्ली का नहीं, बल्कि झारखंड का है। इसका किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।