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Last Modified: सोमवार, 13 मार्च 2023 (13:21 IST)

दक्षिण दिशा को क्यों माना गया है अशुभ? 5 बड़ी बातें

दक्षिण दिशा को क्यों माना गया है अशुभ? 5 बड़ी बातें - Why is the south direction considered inauspicious
धरती के मान से है हिन्दू धर्म, ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा को अशुभ माना गया है। इस दिशा में घर का मुख्य द्वार नहीं होना चाहिए और इस दिशा में पैर करके सोने के नुकसान भी बताए गए हैं। इस दिशा में मुंह करके पूजा पाठ भी नहीं किया जाता है। आओ जानते हैं कि आखिर इस दिशा को क्यों नकारात्मक और अशुभ माना गया है।
 
1. दक्षिणी ध्रुव : दरअसल, पृथ्वी के दोनों ध्रुवों उत्तरी (North pole) तथा दक्षिण ध्रुव (South pole) में चुम्बकीय प्रवाह (Magnetic flow) होता है। उत्तरी ध्रुव पर धनात्मक (+) प्रवाह तथा दक्षिणी ध्रुव पर ऋणात्मक (-) प्रवाह होता है। उसी तरह मानव शरीर में भी सिर में धनात्मक (+) प्रवाह तथा पैरों में ऋणात्मक (-) प्रवाह होता है। विज्ञान के अनुसार दो धनात्मक (+) ध्रुव या दो ऋणात्मक (-) ध्रुव एक दूसरे से दूर भागते हैं। अत: यदि आप दक्षिण में पैर करके सोते हैं तो आपके स्वास्थ्य के लिए यह हानिकारक साबित होता है। इससे आपकी ऊर्जा का क्षरण होगा। उर्जा के अतिरिक्क्त निष्कासन से आपकी मानसिक स्थिति भी बिगड़ सकती है। दक्षिण दिशा में दक्षिणी ध्रुव है जिसका नकारात्मक प्रभाव बना रहता है। दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से हानि, स्मृति भ्रम, मृत्यु और रोग का भय रहता है।
 
2. यम की दिशा : यह दिशा यम की दिशा भी मानी गई है। कहते हैं कि दक्षिण का मकान सबसे खराब होता है। यदि घर की दक्षिण दिशा दूषित है तो यह यम और यम के गणों के प्रभाव को बढ़ाएगा। दक्षिण दिशा में पैर और उत्तर दिशा में सिर- यह ऐसी पोजिशन है जिसमें शवों को रखा जाता है। इसलिए कि उसकी संपूर्ण ऊर्जा बाहर निकल जाए। दक्षिण में यम, यमदूतों और दुष्टों का निवास होता है।
 
3. मंगल की दिशा है दक्षिण : दक्षिण दिशा में मंगल ग्रह है। मंगल ग्रह एक क्रूर ग्रह है। इस दिशा में पैर करके सोने से भी मंगल दोष उत्पन्न होने की संभावना रहती है। इसी के साथ ही यदि इस दिशा में द्वारा है तो मंगल का बुरा प्रभाव भी बना रहता है। इस दिशा के मंगल से दूषित होने से चिढ़चिढ़ापन, क्रोध, भाइयों से अनबन, गृहकलह जैसी आदि परेशानियां खड़ी होती हैं जिसके चलते धन हानि होती है।  
 
4. सूर्य की खराब किरणें : दक्षिण दिशा में सूर्य सबसे ज्यादा देर तक रहता है जिसके कारण मकान का मुख द्वार तपता रहता है। इसके चलते घर में ऑक्सिजन की कमी हो जाती है। ऑक्सिजन की कभी से घर के सदस्य चिढ़चिढ़े हो जाते हैं और उनकी सेहत पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है। दक्षिण दिशा से अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव ज्यादा रहता है जो शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए ठीक नहीं है।
 
5. महिलाओं के लिए अशुभ है यह दिशा : दक्षिणी दिशा पृथ्वी का प्रतीक है। इसके अधिपति यमदेव हैं। यह दिशा स्त्रियों के लिए अत्यंत अशुभ तथा अनिष्टकारी होती है।