किचन अर्थात रसोईघर को वास्तु अनुसार बनाना जरूरी है अन्यथा यह रोग, शोक और धन की बर्बादी का कारण बन सकता है। बरकत चली आजी है और हमेशा अन्न की कमी बनी रहती है। इसीलिए आजो जानते हैं कि किचन में क्या करें, क्या न करें।
किचन में क्या करें, 10 बातें :
1. आग्नेय कोण में हो किचन : वास्तु विज्ञान के अनुसार रसोईघर आग्नेय कोण में होना शुभ फलदायी होता है। इस दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र होता है। किचन यदि आग्नेय कोण में नहीं है तो इससे घर में रहने वाले लोगों की सेहत, खासतौर पर महिलाओं की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। अन्न-धन की भी हानि होती है। इससे पाचन संबंधी अनेक बीमारियां हो सकती हैं। किचन आग्नेय में नहीं है तो पूर्व में चलेगा नहीं तो पश्चिम और उत्तर में भी चलेगा। बाकी की दिशाओं से वास्तुदोष निर्मित होता है।
2. फल, सब्जी और फूल : रसोई घर में किचन स्टेंड के ऊपर सुंदर फलों और सब्जियों के चित्र लगाएं। साथ ही अन्नपूर्णा माता का चित्र भी लगाएं तो घर में बरकत बनी रहेगी।
3. गणेशजी की ऐसी तस्वीर : जिन घर में रसोई घर दक्षिण पूर्व यानी आग्नेय कोण में नहीं हो तब वास्तुदोष को दूर करने के लिए रसोई के उत्तर पूर्व यानी ईशान कोण में सिंदूरी गणेशजी की तस्वीर लगानी चाहिए।
4. अल्पना : रसोईघर में छींका चौक, मां अन्नपूर्णा की कृपादृष्टि बनी रहे, इस हेतु विशेष फूल के आकार की अल्पना बनती है जिसके 5 खाने बनते हैं। हर खाने में विभिन्न अनाज-धन-धान्य को प्रतीकस्वरूप उकेरा जाता है। गोल आकार में बनी इस अल्पना के बीच में दीप धरा जाता है। अक्सर आप इस तरह की अल्पना या मांडना को गुजरात, मालवा, निमाड़ या राजस्थान के ग्रामीण या आदिवासियों के घरों में देख सकते हैं।
5. यज्ञ करते ऋषि : यदि आपका रसोईघर अग्निकोण में न होते हुए किसी ओर दिशा में बना है तो वहां पर यज्ञ करते हुए ऋषियों की चित्राकृति लगाएं।
6. अग्निहोत्र कर्म करें : जिस तरह हम जरूतमंदों को अन्न जल देते है उसी तरह हमने जिस अग्नि और जल के माध्यम से यह अन्य बनाया है तो उसे भी अर्पित करें। इसे अग्निहोत्र कर्म कहते हैं। अग्निहोत्र कर्म दो तरह से होता है पहला यह कि हम जब भी भोजन खाएं उससे पहले उसे अग्नि को अर्पित करें। दूसरा तरीका है यज्ञ की वेदी बनाकर हवन किया जाता है।
7. रसोईघर का रंग : आग्नेय की दीवार पर नारंगी रंग कर सकते हैं। दक्षिण-पूर्वी कक्ष में पीले या नारंगी रंग का प्रयोग करना चाहिए।
8.. नमक का पोंछा लगाएं : सप्ताह में एक बार किचन में (गुरुवार को छोड़कर) समुद्री नमक से पोंछा लगाने से घर में शांति रहती है। घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होकर घर में झगड़े भी नहीं होते हैं तथा लक्ष्मी का वास स्थायी रहता है।
9. रसोईघर में बैठकर ही करें भोजन : वास्तु और ज्योतिष के अनुसार भोजन वहां करना चाहिए जहां रसोईघर हो। इससे राहु और केतु का प्रभाव नहीं होता है। जहां पर कोई छत नहीं है वहां भोजन करने से राहु और केतु के बुरे प्रभाव सक्रिय रहते हैं। लाल किताब में भी रसोईघर में बैठकर ही भोजन करने की सलाह दी जाती है।
10. किस दिशा में क्या रखें : पानी फिल्टर ईशान कोण में लगाएं। किचन में कोई भी पावर प्वाइंट जैसे मिक्सर, ग्रांडर, माइक्रोवेव, ओवन को प्लेटफार्म में दक्षिण की तरफ लगाना चाहिए। फ्रिज हमेशा वायव्य कोण में रखें। किचन में लॉफ्ट, अलमारी दक्षिण या पश्चिम दीवार में ही होना चाहिए। किचन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा प्लेटफार्म हमेशा पूर्व में होना चाहिए और ईशान कोण में सिंक व अग्नि कोण चूल्हा लगाना चाहिए।
किचन में क्या न करें, 10 बातें :
1. भोजन करने के बाद थाली को कभी भी किचन स्टेन के उपर नहीं रखना चाहिए।
2. रसोईघर में पानी और आग को कभी भी पास पास नहीं रखना चाहिए।
3. किचन के दक्षिण में कभी भी कोई दरवाजा या खिड़की नहीं होने चाहिए। खिड़की पूर्व की ओर में ही रखें।
4. किचन में कभी भी ग्रेनाइट का फ्लोर या प्लेटफार्म नहीं बनवाना चाहिए और न ही मीरर जैसी कोई चीज होनी चाहिए, क्योंकि इससे विपरित प्रभाव पड़ता है और घर में कलह की स्थिति बढ़ती है।
5. किचन में नीले या आसमानी रंग के प्रयोग से बचना चाहिए।
6. रसोइघर में टूटे फूटे बर्तन, अटाला या झाडू ना रखें।
7. किचन के नल से पानी का टपकना आर्थिक क्षति का संकेत है। घर में किसी भी बर्तन से पानी रिस रहा हो तो उसे भी ठीक करवाएं।
8. चींटियों-कॉकरोचों, चुहे या अन्य प्रकार के कीड़े मकोड़े किचन में घुम रहे हैं तो सावधान हो जाइये, यह आपकी सेहत और बरकतर को खा जाएंगे। किचन को साफ-सुथरा और सुंदर बनाकर रखें।
9. किचन में जर्मन या एल्यूमीनियम में किसी भी प्रकार का खाना नहीं बनाना या पकाना चाहिए यह सेहत के लिए घातक होता है। इससे चर्मरोग और कैंसर जैसे रोग हो सकते हैं। हालांकि जर्मन में आप दही जमा सकते हैं।
10. किचन के सामने या पास में शौचालय या बाथरूम नहीं होना चाहिए।