अयोध्या में सरकारी भूमि पर बना था योगी आदित्यनाथ का मंदिर, मूर्ति हटाई, निर्माण करने वाला लापता
अयोध्या। गत दिनों बड़ी तेजी से मीडिया की सुर्खियां बना और अपने को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रचारक कहने वाला प्रभाकर मौर्य अब लापता हो गया है। दरअसल, पूरा मामला तब उजागर हुआ जब योगी मंदिर का निर्माण करने वाले प्रभाकर मौर्य के चाचा रामनाथ मौर्य ने मुख्यमंत्री को एक शिकायती पत्र भेजा है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत की है जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रभाकर मौर्य ने सरकारी बंजर जमीन को कब्जा करने की नीयत से उस भूमि पर सीएम योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनाया है जबकि यह जमीन सरकारी बंजर जमीन है।
इस आशय में एक पत्र प्रभाकर मौर्य के चाचा ने जिलाधिकारी अयोध्या को भी भेजा है। सीएम को भेजी गई शिकायत में रामनाथ मौर्य ने आरोप लगाया है कि वह और उनके बड़े भाई जगन्नाथ मौर्य की जमीनें आपस में मिली हुई हैं। जगन्नाथ मौर्य के बेटे प्रभाकर मौर्य ने जमीन कब्जा करने की नीयत से उनके द्वारा लगाए गए पेड़ काट दिए गए और लकड़ियां उठा ले गए।
इसके बाद खाली जमीन पर उन्होंने जमीन कब्जा करने की नीयत से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनवा दिया है। रामनाथ मौर्य ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इस मामले की शिकायत की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।
इसके बाद से इस मामले को लेकर विपक्ष भी सरकार के ऊपर सवाल उठाने लगे। इसके बाद से पूरे मामले की जांच शुरू हुई। एसडीएम सोहावल को मिली जांच में पाया गया कि यह भूमि कृषि विवि की जमीन है। इस पर कब्जा कर मंदिर बनाया गया है। रविवार को सोहावल तहसील के प्रशासनिक अमले ने राजस्व निरीक्षक की मौजूदगी में मंदिर स्थल के आसपास के भूखंड की नपती की।
जांच में सामने आया कि योगी मंदिर का एरिया करीब एक बिस्वा से कम ही है परंतु मंदिर से सटा सरकारी भूमि का रकबा गाटा संख्या 32 और 36 का क्षेत्रफल 4.0 82 हेक्टेयर यानी करीब 40 बीघा से अधिक है। बगल में गाटा संख्या 37 में स्थापित शनिदेव के मंदिर का रकबा कुल 34 हेक्टेयर है।
मंदिर भूखंड स्थल की नपती में जुटी सोहावल तहसील की टीम का नेतृत्व कर रहे राजस्व निरीक्षक दयाराम वर्मा का कहना है कि जिस भूमि और क्षेत्रफल में योगी मंदिर स्थापित किया गया है, वह जमीन आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के नाम से दर्ज है। उसकी गाटा संख्या 32 और 36 है।
कुल रकबा लगभग 40 बीघा से अधिक है जबकि बगल में स्थापित गाटा संख्या 37 में शनिदेव का मंदिर है जिसका रकबा लगभग 34 बीघा है। हालांकि मंदिर करीब एक बिसवां से कम ही जमीन पर स्थापित किया गया है। बाकी की जमीन में पहले से फूल-पत्ती व पेड़-पौधे लगे हुए
अखिलेश यादव ने साधा निशाना : अयोध्या में योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनाने पर समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा था। उन्होंने पूछा था कि इस प्रकरण में सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन लेंगे या फिर दिल्ली से कोई दस्ता इसको गिराने आएगा।
पूरा मामला जांच में आने के बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि योगी आदित्यनाथ की मूर्ति मंदिर से किसने और कब हटवाई। कलंदर थाना क्षेत्र के अयोध्या-प्रयागराज हाईवे के किनारे स्थित कल्याण भदरसा मजरे मोर्या का पुरवा में निर्मित योगी मंदिर से रविवार दोपहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मूर्ति ही रहस्यमय स्थिति में गायब हो गई।
स्थानीय लोगों के मुताबिक मूर्ति पुलिस की गाड़ी से आए लोग उठा ले गए जबकि पुलिस का कहना है कि मूर्ति मंदिर का निर्माण करने वाले प्रभाकर मौर्य ने स्वयं गायब की है। प्रभाकर लापता बताया जा रहा है। उसका मोबाइल नंबर भी स्विचऑफ आ रहा है। दूसरी ओर रविवार को राजस्व विभाग की टीम ने उक्त भूमि की नपती भी की।