आस्था के खेल निराले, लड्डू गोपाल का टूटा हाथ, रोते हुए पुजारी प्रतिमा लेकर पहुंचा अस्पताल
आगरा। आस्था एक रूप अनेक, ये बात उस समय चरितार्थ हो गई जब एक मंदिर का पुजारी कृष्ण के बाल स्वरूप को स्नान करवा रहा था। स्नान करवाते समय उसके हाथ से लड्डू गोपाल गिर गए और उनका हाथ टूट गया। आनन-फानन में सुधबुध खोया पुजारी लड्डू गोपाल को अस्पताल ले पहुंचा और रोते हुए डाक्टर से कृष्ण बाल छवि का हाथ जोड़ने की फरियाद करने लगा।
कान्हा की भक्ति में लीन पुजारी रोते हुए जमीन पर गिर गया, इस नजारे को देखने के लिए अस्पताल में भीड़ लग गई।
लड्डू गोपाल को करीब 25 साल पहले शाहगंज के खासपुर इलाके के पथवारी मंदिर में पुजारी लेख सिंह ने विराजमान किया था। पुजारी कान्हा के बाल स्वरूप में मग्न रहते और अपने बच्चे की तरह ख्याल रखते। शुक्रवार को अचानक लड्डू गोपाल को स्नान करवाते वक्त लेख सिंह पुजारी के हाथ से कान्हा गिर गये और उनका एक हाथ टूट गया।
पुजारी ने खुद प्राथमिक उपचार देते हुए हुए भगवान के हाथ में दर्द का मरहम और खपच्ची बांधकर पट्टी की और फिर उसे गोद में उठाकर अस्पताल ले गए। जिला अस्पताल की ओपीडी सुबह आठ बजे खुलती है, वह तब तक लड्डू गोपाल को गोद में लेकर ओपीडी खुलने का इंतजार करने लगे। ओपीडी खुलते ही उन्होंने कृष्ण के नाम का पर्चा बनवाया और फिर डाक्टर से ट्रीटमेंट करवाया।
कान्हा की भक्ति में डूबे इस पुजारी के अजब-गजब प्रेम को देखकर अस्पताल का स्टाफ और पेशेंट हैरत में थे। मामला सामने आया है। पुजारी की कृष्ण भक्ति का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि उसने अस्पताल खुलने तक स्वयं उपचार किया और फिर अस्पताल में उपचार के लिए रोते हुए गिर पड़े। पुजारी की भक्ति के आगे डाक्टर को भी नतमस्तक होना पड़ा और वार्ड-5 में लड्डू गोपाल की मूर्ति को भर्ती किया गया।
जिला अस्पताल में सीएमएस अशोक अग्रवाल ने खुद लड्डू गोपाल का अपने हाथों से प्लास्टर करते हुए और पुजारी को सौंपा। प्लास हो जाने के बाद पुजारी लेखपाल के बुझे हुए चेहरे पर सुकून नजर आया और वह गोपाल को घर ले गए। इसके बाद पुजारी लड्डू गोपाल को घर ले गया।
बाल गोपाल को अस्पताल में भर्ती करवाने की सूचना जैसे ही हिंदू संगठनों को हुई तो वह भी अस्पताल पहुंचे। कुछ देर में ये मामला इलाके में चर्चा का विषय बन गया।