youth was tied to a pole and beaten : उत्तरप्रदेश के जौनपुर (Jaunpur) जिले स्थित मुंगरा बादशाहपुर (Mungra Badshahpur) में खाकी वर्दी पहने थाना प्रभारी विनोद मिश्रा (Vinod Mishra) का अमानवीय रूप सामने आया है। आजकल सोशल मीडिया (social media) पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें थाना प्रभारी एक युवक को खंभे से बांधकर बेरहमी से पट्टे से पीटते नजर आ रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक पिटाई खा रहे युवक का कसूर इतना है कि उसने किसी काम के लिए थाना प्रभारी को पैसे दिए थे, लेकिन काम नहीं हुआ तो उसने अपने पैसे वापस मांगे। पैसे तो वापस नहीं मिले बल्कि उसे उपहार में जानवरों की तरह पट्टे की मार मिली है। पीड़ित युवक दर्द से छटपटाता नजर आ रहा है, जो वायरल वीडियो पुलिस की कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।
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सूत्रों के अनुसार पीड़ित युवक ने थाना प्रभारी को एक कार्य कराने के एवज में रुपए दिए थे, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ। जब युवक ने अपने पैसे वापस मांगे तो उसे थाने बुलाकर जानवरों की तरह पीटा गया। वायरल वीडियो में युवक दर्द से कराहता दिख रहा है जबकि थानेदार उसे लगातार पट्टे से मारते नजर आते हैं।
पूर्व में भी लगे हैं आरोप
प्रशासन ने की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही सोशल मीडिया पर पिटाई का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस महकमा हरकत में आ गया। डिप्टी एसपी मछली शहर प्रतिमा वर्मा ने बताया कि पिटाई के वीडियो की गंभीरता को देखते हुए तत्काल थाना प्रभारी विनोद मिश्रा को लाइन हाजिर कर दिया गया है। उनकी जगह दिलीप सिंह को मुंगरा बादशाहपुर थाने का नया प्रभारी नियुक्त किया गया है। वीडियो की सत्यता जांचने के लिए एक टीम नियुक्त की गई है। वीडियो की सत्यता सामने लाने के लिए गहराई से जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सवालों के घेरे में पुलिस की छवि
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली, आम जनता के साथ व्यवहार और जवाबदेही को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी है। आम लोगों में आक्रोश है कि जिस पुलिस के कंधे पर आम नागरिकों की सुरक्षा जिम्मा है, वे अब हैवान बन गए और लोगों को अब थाने जाने से डर लगेगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि थानेदार के व्यवहार को लेकर पहले भी कई बार शिकायत हुई थी, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पायी है।
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मानवाधिकार उल्लंघन का मामला
कानून विशेषज्ञ रामकुमार का इस वायरल वीडियो पर कहना है कि मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन हुआ है। पुलिस हिरासत में इस प्रकार की पिटाई न केवल असंवैधानिक है बल्कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का भी उल्लंघन है। ऐसे मामलों में पीड़ित को न्याय दिलाना और दोषी अधिकारी पर सख्त कार्रवाई करना अनिवार्य हो जाता है।
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क्या होगी अगली कार्रवाई?
अब सवाल यह उठ रहा है कि थाना प्रभारी विनोद मिश्रा को सिर्फ लाइन हाजिर करना पर्याप्त है? क्या पुलिस के उच्चाधिकारी द्वारा कोई सख्त कदम उठाया जाएगा? जनता की निगाहें अब उच्च अधिकारियों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि एक आम नागरिक के साथ हुई इस बर्बरता का इंसाफ मिलेगा या नहीं? फिलहाल पुलिस विभाग द्वारा निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की बात कहीं जा रही है, उसी के आधार पर ठोस कार्रवाई की जाएगी।
Edited by: Ravindra Gupta