जुमे की नमाज को लेकर मेरठ पुलिस एक्शन मोड में, ड्रोन से नजर, 13 शहरों में अलर्ट
मेरठ। पैगंबर मोहम्मद साहब पर नूपुर शर्मा द्वारा टिप्पणी करने के बाद कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई। जिसके चलते 10 जून को भारत बंदी का मैसेज वायरल हो रहा है, जिसको लेकर मेरठ पुलिस अतिसंवेदनशील इलाके में पुलिस ड्रोन से निगरानी रख रही। जुमे की नमाज शांतिपूर्वक तरीके से हो इसके लिए पुलिस हर संभव कोशिश कर रही है। पुलिस-प्रशासन ने धर्मगुरुओं के साथ बातचीत करते हुए कहा है कि किसी भी तरह का फर्जी पोस्ट, किसी संदेश से भ्रमित होकर कोई गलत कदम ना उठाएं जिसके चलते भविष्य में परेशानी हो।
गुरुवार की सुबह से ही सोशल मीडिया पर एक पोस्टर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें लिखा है- 'बतला दो गुस्ताख-ए- नबी को, गैरत-ए-मुस्लिम जिंदा है, दीन पे मर मिटने का जज्बा कल भी था और आज भी है'। इन दो पंक्तियों के साथ नीचे लिखा है- 'पैगंबर मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि व सल्लम की शान में गुस्ताखी के खिलाफ 10 जून जुमा भारत बंद'। भारत बंद के आह्वान से जुड़े मैसेज और पोस्टर तेजी से वायरल होने के बाद पुलिस एक्शन में आ गई के कई और पोस्टर रिलीज हो रहे हैं। भारत बंद के ये मैसेज वायरल होने के बाद जुमे की नमाज पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है।
मेरठ शहर की जामा मस्जिद और कई अति संवेदनशील मस्जिदों पर पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है। मेरठ प्रशासन कानपुर की तरह मेरठ की शांति को ग्रहण नहीं लगने देना चाहता है, जिसके चलते मेरठ में रेड अलर्ट कर दिया गया है। पुलिस मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र में गश्त कर रही है। वहीं क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों से सम्पर्क किया जा रहा है कि नमाजी जुमे की नमाज अदा करके सीधे अपने घर जाएं। शहर में तमाम तरह की अफवाहें चल रही हैं, उन पर बिलकुल भी ध्यान न दें। यदि कोई भ्रामक सूचना देता है तो पुलिस को तुरंत अवगत करवाएं, शहर में अमन-चैन बनायें रखें।
उत्तर प्रदेश के 13 शहरों में कानपुर बवाल के बाद में अलर्ट जारी किया गया है। मेरठ दंगों के मामले में काफी आगे रह चुका है। इसलिए मेरठ पुलिस हिंदू और मुस्लिम मिश्रित आबादी वाले जिलों में गश्त कर रही है। सोशल मीडिया को भी वॉच किया जा रहा है। यूपी के संवेदनशील जिलों में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, फैजाबाद, प्रयागराज, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, सहारनपुर, मेरठ, बिजनौर और बुलंदशहर शामिल हैं। वहीं पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि भारत बंद जैसा कुछ नहीं है।