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Written By अवनीश कुमार
Last Updated : बुधवार, 14 अक्टूबर 2020 (23:28 IST)

कानपुर पुलिस की लापरवाही! बिकरू कांड में शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा को बना दिया मुकदमे में जांच अधिकारी

कानपुर पुलिस की लापरवाही! बिकरू कांड में शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा को बना दिया मुकदमे में जांच अधिकारी - co devendra mishra who was martyred in the bikeru case will investigate the murder -bilhor police
कानपुर। उत्तरप्रदेश के कानपुर में चर्चित बिकरू कांड की दहशत कहें या पुलिस विभाग की लापरवाही, क्योंकि आज भी बिल्हौर पुलिस के लिए शहीद देवेन्द्र मिश्रा सीओ हैं और एक किसान की हत्या में बकायदा उन्हें विवेचक भी बना दिया गया है। इसकी जानकारी होने के बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है, वहीं पुलिस विभाग के अधिकारी मामले पर अब लीपापोती करने में जुट गए हैं और इसे टेक्निकल मिस्टेक बता रहे हैं।
 
यह है मामला : उत्तरप्रदेश के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में 2 व 3 जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने अधाधुंध फायरिंग कर बिल्हौर सीओ देवेन्द्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों को मौत की नींद सुला दिया था।

इसके बाद बिल्हौर में नए सीओ की नियुक्ति भी कर दी गई थी, लेकिन इस घटना की दहशत पुलिसकर्मियों के बीच इस कदर है कि अभी भी मुठभेड़ की चर्चा कार्यालय में होती रहती है। इसी का नतीजा है कि बिल्हौर पुलिस शहीद देवेन्द्र मिश्रा को आज भी अपना सीओ मान रही है और बकायदा उनका नाम फाइलों में चल रहा है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बिल्हौर थाना क्षेत्र के दादारपुर कटाहा गांव में किसान रामप्रसाद दिवाकर की 3 अक्टूबर की रात खेत में हत्या हो गई थी।

किसान के बेटे विक्रम ने अगले दिन थाना में तहरीर देकर मल्लापुर गांव के महेन्द्र कटियार व उसके परिजनों पर हत्या किए जाने की नामजद एफआईआर की थी और मामले की जांच के लिए पुलिस विभाग की तरफ से बिल्हौर सीओ को विवेचक बनाया गया और विवेचक के तौर पर बकायदा शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा का नाम डाला गया है। एफआईआर की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से पुलिस विभाग की लापरवाही को लेकर लोग अब सवाल खड़े कर रहे हैं। पुलिस विभाग की तरफ से इसे टाइपिंग की भूल बताया जा रहा है। 
 
क्या बोले एसएसपी ग्रामीण : मामले को लेकर एसपी ग्रामीणों बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि टेक्निकल फाल्ट के चलते शहीद सीओ का नाम आ गया था जिसमें सुधार भी करवा दिया गया है। फिर भी अगर जांच के दौरान किसी भी व्यक्ति की लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।