लखनऊ। उत्तरप्रदेश से पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयीजी का गहरा लगाव रहा है। इसी लगाव को देखते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसला लिया है कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयीजी की अस्थियां प्रदेश के समस्त जनपदों की मुख्य नदियों में प्रवाहित की जाएंगी, ताकि राज्य की जनता को भी उनकी अंतिम यात्रा से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो सके।
यह जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तरप्रदेश ने एक पत्र जारी करते हुए दी। पत्र के माध्यम से उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयीजी की कर्मभूमि रहा है। उत्तरप्रदेश के हर क्षेत्र से श्रद्धेय वाजपेयीजी का गहरा लगाव था। उन्होंने कहा कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए स्व. अटल बिहारी वाजपेयीजी की अस्थियां प्रदेश के समस्त जनपदों की मुख्य नदियों में प्रवाहित की जाएंगी ताकि राज्य की जनता को भी उनकी अंतिम यात्रा से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो सके।
इस बारे में राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के जनपद आगरा में यमुना व चंबल, इलाहाबाद में गंगा, यमुना व टोन्स (तम्सा), वाराणसी में गंगा, गोमती व वरुणा, लखनऊ में गोमती, गोरखपुर में घाघरा, राप्ती, रोहिन, कुआनो व आमी, बलरामपुर में राप्ती, कानपुर नगर में गंगा, कानपुर देहात में यमुना, अलीगढ़ में गंगा व करवन, कासगंज में गंगा, अम्बेडकर नगर में घाघरा व टोन्स (तम्सा), अमेठी में सई व गोमती, अमरोहा में गंगा व सोत, औरैया में यमुना व सिंद्धु, आजमगढ़ में घाघरा व टोन्स (तम्सा), बदायूं में गंगा, रामगंगा व सोत, बागपत में यमुना, हिण्डन व काली नदी, बहराइच में सरयू, घाघरा, करनाली व सूहेली, बलिया में गंगा, घाघरा, गंडक व टोन्स (तम्सा), बांदा में केन व यमुना, बाराबंकी में घाघरा व गोमती, बरेली में रामगंगा व अरिल, बस्ती में घाघरा, कूआनो व मनोरमा, बिजनौर में गंगा व रामगंगा, बुलंदशहर व चंदौली में गंगा, चित्रकूट में यमुना, देवरिया में गंडक, घाघरा व राप्ती, एटा में इसान और इटावा में चम्बल व यमुना नदी में अटलजी की अस्थियां विसर्जित की जाएंगी।
इसी प्रकार जनपद फैजाबाद में घाघरा व टोन्स (तम्सा), फर्रुखाबाद में गंगा व रामगंगा, फतेहपुर में यमुना व गंगा, फिरोजाबाद में यमुना, गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में यमुना व हिण्डन, गाजीपुर में गंगा व गोमती, गोण्डा में घाघरा व कूआनो, हमीरपुर में यमुना, धसान व केन, हापुड़ में गंगा, हरदोई में रामगंगा व सई, हाथरस में करबन व संगेर, जालौन में यमुना, सिंधु व बेतवा, जौनपुर में सई व गोमती, झांसी में धसान व बेतवा, कन्नौज में गंगा, कौशाम्बी में गंगा व यमुना, कुशीनगर में गण्डक व बूढ़ी गण्डक, लखीमपुर खीरी में शारदा, गोमती व सूहेली और ललितपुर में बेतवा, धसान, जामनी व शहजाद नदी में अटलजी की अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी।
इसी तरह से महराजगंज में गण्डक, छोटी गण्डक, राप्ती व रोहिन, महोबा में धसान, मैनपुरी में इसान व अरिन्द, मथुरा में यमुना व करवन, मऊ में घाघरा व टोन्स (तम्सा), मेरठ में गंगा व हिण्डन, मीरजापुर में गंगा, मुरादाबाद में रामगंगा, मुजफ्फरनगर में गंगा, हिण्डन व काली नदी, पीलीभीत में शारदा, गोमती, व देवहा (गर्रा), प्रतापगढ़ में सई व गंगा, रायबेरली में सई, गंगा व बकूलाही, रामपुर में रामगंगा, सहारनपुर में यमुना, हिण्डन व काली नदी, सम्भल में गंगा व अरिल, संतकबीर नगर में घाघरा, राप्ती व कूआनो, संतरविदास नगर में गंगा व वरुणा, शाहजहांपुर में रामगंगा, गोमती व गर्रा, शामली में यमुना, श्रावस्ती में राप्ती, सिद्धार्थनगर में राप्ती, कून्हरा, घोघी व वान गंगा, सीतापुर में गोमती, घाघरा व शारदा, सोनभद्र में सोन, रेहन्द व कान्हा, सुल्तानपुर में गोमती एवं उन्नाव में गंगा व सई नदी में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां विसर्जित की जाएंगी।
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