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Last Modified: मंगलवार, 27 अक्टूबर 2020 (17:30 IST)

हिन्दू महिलाओं ने रिपब्लिकन, ट्रंप को समर्थन देने की अपील की, बताया यह कारण...

हिन्दू महिलाओं ने रिपब्लिकन, ट्रंप को समर्थन देने की अपील की, बताया यह कारण... - American Presidential Election 2020
ह्यूस्टन। डोनाल्ड ट्रंप की बाजार हितैषी नीतियां, चीन के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार करना और अमेरिका में हिन्दू समुदाय के योगदान की सराहना करने के कारण यहां की हिन्दू महिलाओं ने रिपब्लिकन पार्टी को समर्थन देने की अपील की है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि ट्रंप 3 नवंबर को होने वाले चुनाव में जीत दर्ज कर सकें।

अमेरिका में विभिन्न क्षेत्रों की हिन्दू महिलाओं के एक पैनल ने ऑनलाइन सत्र में हिस्सा लेते हुए राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थन में अपने विचार रखे। डलास से मीडिया उद्यमी करिश्मा हिमतसिंघानी ने कहा कि न तो वे वामपंथी हैं न ही दक्षिणपंथी बल्कि उदारवादी मध्यमार्गी हैं और उनका मानना है कि ट्रंप अपने कार्यक्रमों एवं नीतियों में मध्यमार्ग अपनाते हैं।

उन्होंने कहा कि मीडिया ने ट्रंप की छवि दक्षिण पंथी बना दी है। कोविड-19 संकट के कारण उत्पन्न हुए अनिश्चित दौर में भी ट्रंप ने अर्थव्यवस्था को सुचारू जारी रखने पर ध्यान केंद्रित किया। राष्ट्रपति व्यवसाय के लिए कर में कटौती और आर्थिक विकास में बाधा डालने वाले कठोर सरकारी नियामकों को हटाने के लिए प्रतिबद्ध रहे। स्वास्थ्य प्रशासक श्रीलेखा पल्ले ने डेमोक्रेटिक पार्टी की विचारधारा की आलोचना की।

उन्होंने पैनल में शामिल लोगों से पूछा कि क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चे की शिक्षा बड़ी सरकार तय करे या अभिभावक के तौर पर आप तय करें, क्या आप चाहते हैं कि स्वास्थ्य की देखभाल चिकित्सक एवं चिकित्सा पेशेवर तय करें और इसकी कीमत बाजार तय करे या इसे गैर जवाबदेह बड़ी सरकार तय करे, अगर आप चाहते हैं कि आपका जीवन सरकारी नौकरशाह तय करें तो डेमोक्रेट को वोट दें, लेकिन अगर आप मुक्त समाज में रहना चाहते हैं तो रिपब्लिकन को वोट दें।

पल्ले ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत- अमेरिका संबंधों को मजबूत किया जहां उन्होंने आतंकवाद और चीन की तरफ से पेश खतरे पर भारत की चिंताओं के प्रति अभूतपूर्व कदम उठाए। मिनियापोलिस की वंदना मांगलिक ने कश्मीर और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर डेमोक्रेटिक पार्टी के रुख को उजागर किया। वह डेमोक्रेट समर्थक हैं और पांच बार पार्टी को वोट कर चुकी हैं।

उन्होंने पूछा कि समझा जाता है कि डेमोक्रेट मानवाधिकारों का समर्थन करते हैं। लेकिन डेमोक्रेट शासित छह नगर परिषदों ने भारत विरोधी प्रस्ताव, सीएए विरोधी प्रस्ताव क्यों पारित किए? किसी संप्रभु देश के मामलों में नगर परिषदों को पड़ने की क्या जरूरत है? डलास में उद्यमी रमन भौमिक ने कहा कि रिपब्लिकन ने हमेशा छोटे व्यवसाय का समर्थन किया है और सरकारी नियामकों को कम किया है।

एक अन्य डेमोक्रेट राधिका गरीमेल्ला ने कहा कि डेमोक्रेट जो वादा करते हैं और जो काम करते हैं उनमें बड़ा अंतर है। इंडो अमेरिकन रिपब्लिकंस ऑफ ग्रेटर ह्यूस्टन की अध्यक्ष संगीता दुआ ने रिपब्लिकन और राष्ट्रपति ट्रंप के पक्ष में प्रस्ताव पेश किया।(भाषा)
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