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Written By WD

आपसे होगा यक़ीनन मेरा रिश्ता कोई

Munvvar Rana Gazal | आपसे होगा यक़ीनन मेरा रिश्ता कोई
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देखा मेरे किरदार पे धब्बा कोई
देर तक बैठ के तन्हाई में रोयकोई

लोग माज़ी1 का भी अंदाज़ा लगा लेते हैं
मुझको तो याद नहीं कल का भी क़िस्सा कोई

बेसबब आँखों में आँसू नहीं आया करते
आपसे होगा यक़ीनन मेरा रिश्ता कोई

याद आने लगा एक दोस्त का बरताव मुझे
टूट कर गिर पड़ा जब शाख़ सपत्तकोई

बाद में साथ निभाने की क़सम खा लेना,
देख लो जलता हुआ पहले पतंगा कोई

उसको कुछ देर सुना लेता हूँ रुदादे सफ़र2
राह में जब कभी मिल जाता है अपना कोई

कैसे समझेगा बिछड़ना वो किसी का 'राना'
टूटते देखा नहीं जिसने सितारा कोई

1. भूतकाल, पिछला 2. सफर के हालात