cholesterol me aalu khana chahiye ya nahi: भारतीय रसोई में आलू की मौजूदगी इतनी आम है कि इसे “सब्जियों का राजा” कहा जाता है। आलू लगभग हर घर में, हर दिन किसी न किसी रूप में खाया जाता है, आलू की सब्जी, पूरी के साथ आलू, समोसे में भरावन, चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, कटलेट्स और भी बहुत कुछ। लेकिन जब बात आती है कोलेस्ट्रॉल या हृदय रोग की, तब ये सवाल उठता है कि क्या आलू को डाइट में शामिल करना सही है या नहीं?
कोलेस्ट्रॉल एक ऐसी स्थिति है जिसमें खून में वसा का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हार्ट अटैक, ब्लॉकेज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में खान-पान पर विशेष ध्यान देना बहुत जरूरी हो जाता है। बहुत से लोग सोचते हैं कि आलू वसा से भरपूर होता है और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, लेकिन क्या वाकई ऐसा है? आइए जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए आलू कितना सुरक्षित है और कब यह नुकसानदायक हो सकता है।
क्या आलू में कोलेस्ट्रॉल होता है? सच जानना जरूरी है
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि प्राकृतिक रूप से आलू में “कोलेस्ट्रॉल” बिल्कुल नहीं होता। जी हां, उबला हुआ या भुना हुआ साधारण आलू अपने मूल रूप में कोलेस्ट्रॉल-फ्री होता है। आलू में कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर, पोटैशियम, विटामिन C और B6 जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए उपयोगी होते हैं, खासकर अगर उसे छिलके समेत खाया जाए।
लेकिन परेशानी तब शुरू होती है जब आलू को तेल में तला जाता है, या फिर उसे बटर, चीज, क्रीम या हाई फैट सामग्री के साथ तैयार किया जाता है। उस स्थिति में यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ा सकता है और हृदय रोग के खतरे को बढ़ा देता है।
कोलेस्ट्रॉल के मरीज आलू खा सकते हैं, लेकिन कैसे?
अगर आप हाई कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे हैं, तो आलू को अपने डाइट प्लान से पूरी तरह हटाने की जरूरत नहीं है, लेकिन इसे समझदारी से खाना ज़रूरी है। नीचे दिए गए तरीके आपको आलू खाने में सेहत का संतुलन बनाए रखने में मदद करेंगे:
1. उबला या भुना हुआ आलू चुनें: आलू को डीप फ्राई करने की बजाय उबालकर या ओवन में भूनकर खाएं। इससे उसमें अतिरिक्त फैट नहीं जुड़ता।
2. छिलके समेत खाएं: आलू के छिलके में फाइबर होता है जो बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में मदद कर सकता है और पाचन को भी बेहतर बनाता है।
3. कम मात्रा में खाएं: आलू को पूरे भोजन का मुख्य हिस्सा न बनाएं, बल्कि इसे साइड डिश के रूप में सीमित मात्रा में लें।
4. कम तेल और मसाले में तैयार करें: ताजे हरे मसालों, हल्के मसाले और जैतून के तेल में पकाया गया आलू कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
कब नुकसानदायक हो सकता है आलू खाना?
कुछ स्थितियों में आलू का सेवन कोलेस्ट्रॉल को खराब स्तर पर पहुंचा सकता है, और ऐसे में सावधानी बरतना बहुत जरूरी होता है:
1. जब आलू डीप फ्राइड हो: समोसे, फ्रेंच फ्राइज, पकोड़े और आलू टिक्की जैसे स्नैक्स में आलू को डीप फ्राई किया जाता है, जिससे उसमें ट्रांस फैट जुड़ जाते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल को सीधे बढ़ाते हैं।
2. प्रोसेस्ड फूड में आलू: आलू चिप्स, प्री-पैकेज्ड आलू स्नैक्स या फास्ट फूड में इस्तेमाल होने वाला आलू अक्सर हाई सॉल्ट, प्रिज़र्वेटिव्स और हानिकारक फैट्स के साथ आता है, जो हार्ट हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकता है।
3. जब आलू के साथ हाई फैट टॉपिंग्स ली जाएं: अगर आलू को चीज़, क्रीम, मेयोनीज़ या बटर के साथ खाया जा रहा है, तो वह कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए बिल्कुल अनुशंसित नहीं है।
क्या डाइट से पूरी तरह से आलू हटाना चाहिए?
यह धारणा कि आलू सिर्फ मोटापा और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है, पूरी तरह सही नहीं है। समस्या आलू में नहीं बल्कि उसे पकाने और परोसने के तरीके में है। एक संतुलित और पोषण-युक्त डाइट में सीमित मात्रा में और सही तरीके से पकाया गया आलू शामिल किया जा सकता है। खास बात यह है कि आलू से मिल रहे कार्बोहाइड्रेट्स शरीर को ऊर्जा देने में भी मदद करते हैं, जो रोजमर्रा के कामों के लिए जरूरी होती है। अगर आप डायटिशियन की सलाह के अनुसार अपनी डाइट को प्लान करते हैं, तो आलू को हेल्दी विकल्पों के साथ संतुलित मात्रा में शामिल किया जा सकता है।
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