रविवार, 28 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2022
  2. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022
  3. न्यूज: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022
  4. The assets of more than 90 percent MLAs in Uttar Pradesh have increased during the last 5 years
Written By
Last Modified: गुरुवार, 3 मार्च 2022 (20:52 IST)

UP Election : 5 सालों में 90 फीसदी विधायकों की बढ़ी संपत्ति, ADR-UPEW रिपोर्ट में हुआ खुलासा...

UP Election : 5 सालों में 90 फीसदी विधायकों की बढ़ी संपत्ति, ADR-UPEW रिपोर्ट में हुआ खुलासा... - The assets of more than 90 percent MLAs in Uttar Pradesh have increased during the last 5 years
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव फिर से लड़ रहे 90 प्रतिशत से अधिक विधायकों की संपत्ति पिछले 5 साल के दौरान बढ़ गई यानी ये विधायक और अधिक अमीर हो गए। चुनाव पर नजर रखने वाली एक गैर सरकारी संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2017 के बाद से भाजपा प्रत्याशियों की संपत्ति में सबसे अधिक वृद्धि हुई।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) और उत्तर प्रदेश चुनाव वॉच (यूपीईडब्ल्यू) की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसे 301 विधायकों (निर्दलीय विधायक समेत) की औसत संपत्ति वर्ष 2017 में 5.68 करोड़ रुपए मूल्य के बराबर थी। लेकिन वर्ष 2022 में इन विधायकों के चुनावी हलफनामे में इनकी औसत संपत्ति बढ़कर 8.87 करोड़ रुपए मूल्य के बराबर हो गई।

विधानसभा चुनाव में फिर उतरे विधायकों (एमएलए या एमएलसी) में से 284 विधायकों (94 प्रतिशत) की संपत्ति शून्य प्रतिशत से 22057 प्रतिशत तक बढ़ गई, जबकि 17 प्रतिशत विधायकों (एमएलए-एमएलसी) की संपत्ति एक प्रतिशत से 36 प्रतिशत तक कम हुई है।

रिपोर्ट के मुताबिक जिन पांच उम्मीदवारों की संपत्ति पिछले पांच साल में सर्वाधिक बढ़ी है उनमें रायबरेली से भाजपा उम्मीदवार अदिति सिंह भी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उनकी संपत्ति पांच सालों में 30 करोड़ रुपए बढ़ गई।

उनकी संपत्ति वर्ष 2017 में 13.98 लाख रुपए थी, जो वर्ष 2022 तक 22057 प्रतिशत बढ़कर 30.98 करोड़ रुपए हो गई। सिंह पिछले साल भाजपा में शामिल हो गई थीं, लेकिन वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने रायबरेली सीट से कांग्रेस के टिकट पर बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी।

रिपोर्ट के मुताबिक मुबारकपुर सीट से ऑल इंडिया मजिलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की संपत्ति पिछले पांच सालों में 77.09 करोड़ रुपए बढ़ गई। जमाली ने वर्ष 2022 के चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति 195.85 करोड़ रुपए बताई है, जबकि वर्ष 2017 के चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी संपत्ति 118.76 करोड़ रुपए बताई थी।

एआईएमआईएम उम्मीदवार के बाद दूसरे नंबर पर भाजपा के सहेंद्र सिंह रमाला हैं, जिनकी संपत्ति में 46.45 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक रमाला की संपत्ति वर्ष 2017 में 38.04 करोड़ रुपए थी, जो वर्ष 2022 में 84.50 करोड़ रुपए हो गई। रमाला भाजपा के टिकट पर छपरौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

रिपोर्ट में बताया गया कि फूलपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रवीण पटेल की संपत्ति पांच सालों में 31.99 करोड़ रुपए बढ़ गई। पटेल की संपत्ति वर्ष 2017 में 8.26 करोड़ रुपए थी, जो वर्ष 2022 में बढ़कर 44.26 करोड़ रुपए हो गई।

पार्टीवार विश्लेषण के आधार पर एडीआर-यूपीईडब्ल्यू ने पाया कि एक बार फिर विधायक बनने के लिए चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवारों की सामूहिक औसत संपत्ति में पांच साल के दौरान सबसे अधिक इजाफा हुआ है। भाजपा के ऐसे 223 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति वर्ष 2017 के 5.27 करोड़ रुपए के मुकाबले वर्ष 2022 में बढ़कर 8.43 करोड़ रुपए हो गई यानी 59.87 प्रतिशत का इजाफा हुआ।

रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के बाद फिर विधायक बनने के लिए चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी (सपा) के 55 उम्मीदवारों की कुल औसत संपत्ति वर्ष 2017 के 4.60 करोड़ रुपए के मुकाबले बढ़कर 2022 में 6.73 करोड़ रुपए हो गई यानी 46.18 प्रतिशत का इजाफा हुआ।

रिपोर्ट में बताया गया कि एक और कार्यकाल के लिए विधानसभा चुनाव लड़ रहे बसपा के आठ उम्मीदवारों की औसत संपत्ति वर्ष 2017 के 9.82 करोड़ रुपए के मुकाबले वर्ष 2022 में बढ़कर 14.48 करोड़ रुपए हो गई यानी 47.42 प्रतिशत इजाफा हुआ।

रिपोर्ट में बताया गया कि फिर से विधायक बनने के लिए प्रयासरत कांग्रेस के चार उम्मीदवारों की औसत संपत्ति वर्ष 2017 के 8.84 करोड़ रुपए के मुकाबले वर्ष 2022 में 9.8 करोड़ रुपए हो गई यानी कुल 10.88 प्रतिशत इजाफा हुआ।(भाषा)
ये भी पढ़ें
जनता ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाया, खुद से नहीं बने पीएम : प्रियंका गांधी