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Last Modified: शनिवार, 29 जनवरी 2022 (22:56 IST)

गन्ने के भुगतान में देरी पर किसानों को सूद समेत पैसा मिलेगा : अमित शाह

गन्ने के भुगतान में देरी पर किसानों को सूद समेत पैसा मिलेगा : अमित शाह - Amit Shah said, farmers will get money including interest on delay in payment of sugarcane
मुजफ्फरनगर (उत्‍तर प्रदेश)। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किसानों से शनिवार को वादा किया कि भाजपा अपने घोषणा पत्र में यह लाएगी कि अगर गन्ने के भुगतान में देरी हुई तो किसानों को सूद समेत पैसा मिलेगा और यह मिल मालिकों से वसूला जाएगा।

शाह ने यहां 'प्रभावी मतदाता संवाद' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की टिप्पणी को ‘झूठ’ करार देते हुए उन पर तंज भी कसा। शाह ने कहा कि उन्हें (अखिलेश) उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में झूठ बोलते हुए लाज (शर्म) भी नहीं आती है, जबकि हकीकत यह है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने कार्यकाल में फले-फूले अपराधियों और माफियाओं को खदेड़ दिया है।

उन्होंने अखिलेश और जयंत चौधरी की एकजुटता का उपहास उड़ाया और कहा, आजकल अखिलेश यादव और जयंत साथ-साथ दिख रहे हैं, लेकिन यह सिर्फ वोटिंग तक का साथ है, अगर गलती से भी इनकी सरकार बन गई तो जयंत चौधरी जी फिर कहीं नहीं दिखेंगे, तब फिर से आजम खान और अतीक अहमद सामने आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह इनके (अखिलेश के) टिकट बांटने से ही सबको साफ-साफ समझ आ गया है।

लोकतंत्र में वोट की शक्ति के महत्व को समझाने के लिए कबीरदास का दोहा उद्धृत किया, कबीरा लोहा एक है, गढ़ने में है फेर, ताहि का बख्तर बने, ताहि की शमशेर। दोहे के माध्यम से उन्होंने साफ किया कि मतदाता का एक वोट माफिया राज से मुक्ति भी दिला सकता है और माफिया राज वापस भी ला सकता है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान की अपील करते हुए शाह ने दिवंगत जाट नेताओं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह तथा किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत का जिक्र किया और पूछा कि क्या कोई यहां के दंगों को भूल सकता है जिनमें पीड़ितों को ही आरोपी बनाया गया था।

केंद्रीय गृहमंत्री ने योगी आदित्यनाथ सरकार और अखिलेश के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के अपराधों के तुलनात्मक आंकड़ें फिर से जारी किए और सपा प्रमुख को मीडिया के समक्ष अपने कार्यकाल के आंकड़े पेश करने की चुनौती दी।

शाह ने समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान हुए मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र किया और आरोप लगाया कि इन दंगों में वोट बैंक के लिए अखिलेश सरकार ने आरोपियों को पीड़ित बना दिया और पीड़ितों को आरोपी। पुलिस ने एक खास वोट बैंक के लिए पीड़ितों को आरोपी बनाया और और हजारों फर्जी मामले दर्ज किए।

उन्होंने कहा, मैं भाजपा संगठन को बधाई देता हूं जिसने संजीव बालियान के नेतृत्व में अदालतों और सड़कों पर 'न्याय की लड़ाई लड़ी।' शाह ने सवाल उठाते हुए कहा, मैं मुजफ्फरनगर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या वे दंगों को भूल गए हैं।

उन्होंने तीन सौ से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य देते हुए कहा, यही मुजफ़फरनगर है जो उप्र में भाजपा की प्रचंड जीत की नींव रखता है और यहां से जो लहर उठती है वह काशी तक जाती है और हमारे विरोधियों का सूपड़ा साफ कर देती है। इस बार भी यही होने वाला है।

शाह ने कहा कि अगर चूक हुई तो दंगा भड़काने वाले लोग फिर से लखनऊ में सत्ता में बैठेंगे और अगर जनता चाहती है कि कोई दंगा न हो तो पूर्ण बहुमत की भाजपा की सरकार बनाएं। मुजफ्फरनगर में 2013 में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी।

मुजफ्फरनगर समेत पश्चिमी उप्र के 58 विधानसभा क्षेत्रों में 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होगा। सपा-रालोद गठबंधन पर शाह ने कहा, अखिलेश जी ने कल टिप्पणी की थी कि वह और जयंत चौधरी 'साथ-साथ' हैं, लेकिन कब तक?

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में गुंडे, माफियाओं ने प्रदेश को अपने कब्जे में ले रखा था, हर तरफ लोग असुरक्षित थे, लेकिन जब से भाजपा की सरकार बनी प्रदेश के सारे गुंडे और माफिया ‘बाउंड्री’ पार चले गए हैं।

उन्‍होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब बसपा की सरकार थी तो एक जाति की बात होती थी, कांग्रेस परिवार की बात करती थी और सपा गुंडों माफियाओं की बात करती है। शाह ने कहा कि अब प्रदेश में सबका साथ और सबका विकास है और हर कोई सुरक्षित है।

कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर हमला करने के लिए अखिलेश की विशेष रूप से आलोचना करते हुए शाह ने कहा, उन्हें लाज नहीं आती है और वह इस तरह से झूठ बोलते हैं कि इसे सच के रूप में लिया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि अपहरण, हत्या और जबरन वसूली के आंकड़ों में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सपा शासन (2012-17) की तुलना में काफी कमी आई है। उन्होंने मतदान को लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति बताते हुए मतदाताओं से अपने मताधिकार का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करने का आह्वान किया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार के लिए देश की सुरक्षा सर्वोपरि है।

उन्होंने कहा कि दस साल तक सपा और बसपा के साथ सोनिया (गांधी) और मनमोहन (सिंह) की सरकार थी, जब पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवादी इस तरफ आते थे और सुरक्षाकर्मियों को मारते थे, लेकिन दिल्ली का केंद्रीय नेतृत्व वोटबैंक के लालच में टस से मस नहीं होता था।

शाह ने सवाल उठाया कि क्या सपा, बसपा और कांग्रेस देश और राज्यों को सुरक्षित रख सकते हैं? उन्होंने कहा कि यह केवल नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ही कर सकती है।(भाषा)
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