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Written By संदीप श्रीवास्तव
Last Modified: शुक्रवार, 27 जनवरी 2017 (15:08 IST)

मोदीजी, अयोध्या का टिकट बिकने से बचा लो!

मोदीजी, अयोध्या का टिकट बिकने से बचा लो! - Modiji, save the ticket of Ayodhya
भाजपा में वह हो रहा है, जो पहले कभी नहीं हुआ। अयोध्या विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ता हाथों में तख्ती लेकर अयोध्या का टिकट न बिकने देने के लिए मोदी से गुहार लगा रहे हैं, वहीं स्थानीय भाजपा नेता कहते हैं कि जिस तरह दो अलग-अलग पार्टियों से अयोध्या विधानसभा से ही चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को भाजपा ने टिकट दिया है उससे लगता है कि कुछ तो पैसे का खेल हुआ है। 
 
भाजपा सांसद कह रहे हैं कि इस बारे में प्रदेश नेतृत्व की राष्ट्रीय नेतृत्व से बात हो रही है तथा 3 दिन में कुछ फैसला होगा। जी हां, इन दिनों अयोध्या विधानसभा से घोषित प्रत्याशी बदलने को लेकर टिकट ड्रामा चल रहा है। लेकिन यह भी सच है कि अब तक घोषित प्रत्याशी के विरोध में लड़ाई लड़ते आ रहे भाजपा कार्यकर्ता आसानी से दल-बदलकर आए प्रत्याशी को पचा नहीं पा रहे हैं।
 
क्यों विरोध हो रहा है भाजपा प्रत्याशी का? : अब हम आपको टिकट का पूरा ड्रामा क्रमवार समझाते हैं। अयोध्या से भाजपा ने वेदप्रकाश गुप्ता को इस बार टिकट दिया है। वेदप्रकाश गुप्ता इसी विधानसभा से पहले सपा के उम्मीदवार और बीते विधानसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार रह चुके हैं लेकिन दोनों चुनावों में उन्हें तीसरा स्थान पाकर ही संतोष करना पड़ा था। 
 
वेद गुप्ता ने कुछ समय पहले ही बहुजन समाज पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वॉइन की है। उनके बारे में यह कहा जाता है कि वे जिस पार्टी में शामिल होते हैं टिकट ले ही आते है, क्योंकि 2 बार वे ऐसा पहले कर चुके हैं। लिहाजा इस बार जैसे ही वे भाजपा में शामिल हुए थे, लोग कहने लगे थे कि चाहे जैसे हो, टिकट तो वेद बाबू ही लाएंगे। वही हुआ भी। उनकी उम्मीदवारी की घोषणा हुई तो भाजपा कार्यकर्ताओं के मन में कई सवाल उठ खड़े हुए। उन्होंने पार्टी कार्यालय पर ताला जड़ दिया। उसके बाद ओम माथुर मुर्दाबाद के नारे लग रहे हैं और आत्मदाह तक कर लेने की धमकी दी जा रही है। 
 
सच नहीं होती हर खबर : भाजपा कार्यकर्ता पूरी कोशिश कर रहे हैं मीडिया का ध्यान आकर्षित करने की जिससे कि उनकी आवाज दिल्ली तक पहुंचे इसीलिए एक से बढ़कर एक पटकथा लिखी जा रही है। ऐसी ही एक पटकथा से आपको रूबरू करा देते हैं। अयोध्या-फैजाबाद से सांसद लल्लू सिंह भाजपा के जिला अध्यक्ष अवधेश बादल के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे तो पहले से धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं ने उनके मुर्दाबाद के नारे लगाए। इसके बाद सांसद के बगल में बैठे जिला अध्यक्ष के शरीर के चारों ओर प्लास्टिक की रस्सी लपेट दी गई। इसी रस्सी को सांसद लल्लू सिंह के शरीर में लपेटने की कोशिश की गई। सांसद ने हंसकर यह कहते हुए रस्सी हटा दी कि चलो बहुत हुआ, हटाओ यह सब, उसके बाद रस्सी हटा ली गई।
 
लेकिन जिस तरह यह सब हुआ उसको पढ़ने के बाद आप इसे कार्यकर्ताओं की नाराजगी के बीच टिकट के ड्रामे की हिट स्क्रिप्ट कह सकते हैं। सांसद के ऊपर पड़ी रस्सी और चंद सेकंड की फोटो क्लिक दोनों ने मिलकर इस खबर को न्यूज चैनलों और अखबारों की सुर्खियों में ला दिया और खबर खुद-ब-खुद दिल्ली तक पहुंच गई। खबर बनी अयोध्या प्रत्याशी बदलने के लिए नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा सांसद को रस्सियों से बांधा। बाकी काम किया सांसद के ऊपर पड़ी रस्सी की फोटो ने जिसने खबर की सत्यता प्रमाणित कर दी। 
 
अब होगा क्या? : हालांकि भाजपा में टिकट एक बार घोषित करने के बाद प्रत्याशी बदलने की परंपरा नहीं रही है, लेकिन यह भी सच है कि यूपी विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर जितना विरोध इस बार हो रहा है, वह पहले कभी नहीं हुआ। अब स्थानीय नेता और पार्टी कार्यकर्ता प्रदेश नेतृत्व से बात होने और 3 दिन में फैसला होने की बात कह रहे हैं इसीलिए अगले 3 दिन के लिए धरना समाप्त कर दिया गया है। लेकिन इसके बाद आंदोलन की चेतावनी दी जा रही है। इससे इतर जिस तरह मोदी से अयोध्या का टिकट न बिकने देने की अपील की जा रही है और टिकट वितरण में पैसे का खेल बताया जा रहा है, उससे भाजपा की साख पर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं। 
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