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Written By Author सीए भरत नीमा

Budget 2019 : आयकर में संशोधन और प्रभाव, जानें

Budget 2019 : आयकर में संशोधन और प्रभाव, जानें - Budget 2019 income tax
इस वर्ष 5 लाख तक आय वालों को कुछ भी टैक्स नहीं भरना है, लेकिन आयकर में बैसिक छूट 2,50,000 की ही यथावत रखी गई है, लेकिन 5 लाख की छूट इसलिए मानी जाती है कि यदि आपकी आय 2,50,000 से ऊपर है तो रिटर्न भरते वक्त टैक्स कैल्कुलेशन में वह टैक्स कैल्कुलेट तो करता है, लेकिन धारा 87A के अंतर्गत मैक्सिमम 12,500 की छूट दे देता है।
 
इस प्रकार जिनकी आय 5 लाख से कम होती है, उन पर टैक्स की लायबिलिटी भी जीरो आती है, क्योंकि सरकार की मंशा 5 लाख के ऊपर आय होने वाले को उपरोक्त 12,500 की छूट नहीं देना है यानी जिनकी आय सभी छूट जैसे बीमा, बैंक ब्याज वगैरह की छूट घटाने के बाद 5 लाख से ऊपर आती है तो उन्हें 12,500 की छूट नहीं मिलेगी और उन्हें इस बजट से कोई राहत नहीं रहेगी।
 
2,50,000 की बेसिक छूट बनाए रखने के पीछे सरकार का उद्देश्य यह रहा है कि कुछ ट्रांजेक्शन के लिए रिटर्न भरना जरूरी होता है। वे लोग कम आय होने पर भी रिटर्न रेगुलर भरते रहे। 60 से 79 वर्ष की उम्र वालों के लिए आयकर की बेसिक छूट 3,00,000 और 79 से ऊपर की उम्र वालों के लिए 5,00,000 है। अब वेतनभोगी लोगों को जो पिछले बजट में 40,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट दी थी, वह इस वर्ष 5,0000 की कर दी गई है।
 
रेजिडेंशियल हाउस के संबंध में 2 संशोधन किए हैं- एक स्वयं के रहने हेतु एक मकान पर आय को 'जीरो' लिया जाता था और जो लोन पर ब्याज देते थे उसकी छूट लेने के बाद ब्याज का जो घाटा होता था, उसको दूसरी अन्य आय में से घटा देते थे। इस प्रकार ब्याज की छूट उपलब्ध हो जाती थी। यदि दूसरा मकान भी है और वह किराए पर नहीं दिया गया है तो उसकी किराए की काल्पनिक आय लेना होती थी। अब यह छूट यदि स्वयं के रहने के लिए 2 मकान है तो दोनों के लिए मिलेगी। मतलब 2 मकानों को सेल्फ आकुपायड माना जाएगा।
 
यदि मकान बनाने हेतु लोन लिया है तो दोनों मकानों को मिलाकर टोटल 2 लाख की छूट को यथावत रखा है। यदि हाउस प्रॉपर्टी में ब्याज 2 लाख से ज्यादा है तो उसकी छूट नहीं मिलेगी और न ही कैरी फॉरवर्ड मिलेगा लेकिन मकान या अन्य प्रॉपर्टी किराए पर दी है तो ब्याज की मैक्सिमम छूट 2 लाख उस वर्ष में मिलेगी, अन्य दूसरी आय में से मिलेगी और बाकी लॉस को आने वाले 8 सालों में प्रॉपर्टी की आय से सेटऑफ मिलेगा।
 
परिवार में एक पुराना मकान बेचकर 2 अलग-अलग मकान 2 सदस्यों के लिए खरीदे जाते हैं। धारा 54 में पहले एक ही मकान खरीदने की छूट थी। इस समस्या का समाधान किया है। अब यदि कैपिटल गेन किसी पुराने रेजिडेंशियल हाउस को बेचकर 2 नए मकान खरीदे जाते हैं और यदि कैपिटल गेन 2 करोड़ तक है तो दोनों में निवेश करने पर कैपिटल गेन टैक्स से छूट मिलेगी। यह जीवन में एक बार सुविधा उपलब्ध रहेगी और एक ही वर्ष में ही मिलेगी। मतलब एक बार ही ऑप्शन ले सकते हैं बाकी केस में पुराना कानन लागू रहेगा। यदि कैपिटल गेन 2 करोड़ से ज्यादा है तो भी यह सुविधा नहीं मिलेगी।
 
धारा 80IBA के अंतर्गत उन लोगों को 100% प्रॉफिट की छूट मिलती है, जो 21,520 SQFT के ऊपर की जमीन पर 645 SQFT के कम के फ्लैट बनाता है और उसे 5 वर्ष में प्रोजेक्ट पूरा करना होता है। यदि वह 31.03.2020 तक नगर निगम से नक्शा पास कराकर आयकर नियमों का पालन करके प्रोजेक्ट करता है तो पहले इसकी परमिशन 2019 तक ही थी। डेवलपर्स को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
 
धारा 194-I जो ब्याज पर TDS काटने की बाध्यता के लिए है, अब यदि आपको बैंक ब्याज 40,000 तक वर्ष में मिलता है तो बैंक, पोस्ट ऑफिस, बैंकिंग सोसाइटी आपका टीडीएस नहीं काटेगी। यदि ऑडिट की धारा में आने वाला इंडिविजुअल/HUF ब्याज देता है और वह 5,000 से ज्यादा ब्याज आपको देता है तो टीडीएस कटता है इसमें कोई परिवर्तन नहीं है।
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