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Written By ND

डमरू घाटी पर महाशिवरात्रि का मेला

धार्मिक पर्यटन स्थल : विशाल शिव मंदिर

Gadarwara | डमरू घाटी पर महाशिवरात्रि का मेला
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मध्यप्रदेश के जबलपुर क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन स्थल का रूप ले चुका विशाल शिव मंदिर डमरूघाटी पर महाशिवरात्रि के पर्व पर भरने वाले विशाल मेले की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। गाडरवारा में निर्मित डमरूघाटी समिति द्वारा श्रद्घालुओं के आगमन से लेकर पूजा-अर्चना तक की विशेष तैयारियां की गई हैं। 20 फरवरी से यहां पर तीन दिवसीय विशाल मेला भरेगा जिसमे हजारों श्रद्घालुओं के आने की संभावना है।

यहां के तत्कालीन डीएसपी स्व. भगवानदास परिहार ने आत्मप्रेरणा से जनता का सहयोग लेकर शक्कर नदी के तट पर स्थित डमरू के आकार वाली एक घाटी में भव्य शिव मंदिर का निर्माण कराया। इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की गई है तथा बगल में पवनपुत्र हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा प्रतिष्ठित की गई है।

उक्त मंदिर के अंदर 15 फुट बुनियाद दी गई है। शिवजी की प्रतिमा के ठीक सामने 10 फीट की निचाई चंद्राकार व्यास के 7550 फुट के पक्के मैदान के वृत्त में शिवजी के वाहन नंदी की प्रतिमा निर्मित है। जिसकी मूर्ति 7 फुट ऊंची है। प्रणाम की मुद्रा में आसीन नंदी का मुख चंद्रचूणामणि शिवजी की प्रतिमा की ओर है। जहां नंदी विराजमान है वह अनुमानतः 100 फुट की पृष्ठभूमि में विशाल शिवलिंग का निर्माण किया गया है।

उक्त शिवलिंग की धरातल से लेकर ऊपर तक की कुल ऊंचाई 51 फुट है। जन सुविधा की दृष्टि से 15 फुट की ऊंची सीढि़यां बनाई गई है तथा जिलहरी को आकार दिया है। शिवलिंग के अन्दर लम्बाई 21 फुट और कुल गोलाई का व्यास 65 फुट है। मंदिर में प्रवेश के लिए 2 सुसज्जित द्वार भी बनाए गए हैं।

गौरतलब है कि जब इस शिव मंदिर को लोकार्पित किया गया था, उस दौरान पड़ने वाली शिवरात्रि में ऐसा जनसैलाब उमड़ा था जिसे आज तक नहीं देखा गया। धर्म के प्रति आस्थावान शहर गाडरवारा में स्थित डमरूघाटी के शिव मंदिर में रोजाना श्रद्घालुओं का तांता लगा रहता है और मप्र के पर्यटन नक्शे पर आने की यह अहमियत भी रखता है।

हर वर्ष महाशिवरात्रि पर हजारों की संख्या में यहां महिलाएं और पुरुष आकर शंकरजी की पूजा आराधना और अभिषेक करते है।