Tokyo Olympics: 25 सालों से चले आ रहे सूखे को सुमित नागल ने किया खत्म, सिंगल्स मैच जीतने वाले तीसरे भारतीय बने
युवा टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में अपनी शुरुआत जीत के साथ की। नागल ने पुरुष एकल वर्ग के अपने पहले दौर के मैच में उजबेकिस्तान के डेनिस इस्तोमिन को हराया। एरियाके टेनिस कोर्ट नंबर-10 पर खेले गए इस मुकाबले में सुमित नागल ने इस्तोमिन को दो घंटे 34 मिनट तक चले मैच में 6-4, 7-6 और 6-4 से हरा दिया।
इस जीत के साथ ही नागल 1996 के बाद ओलंपिक खेलों में एकल वर्ग में मैच जीतने वाले पहले भारतीय टेनिस खिलाड़ी भी बन गए और 25 सालों से चल आ रहे सूखे को खत्म कर दिया। 1996 में दिग्गज लिएंडर पेस ने ओलंपिक गेम्स में ब्राजील के फर्नांडो मेलिजेनी को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वहीं, सबसे पहले 1988 में जीशन अली ने सियोल ओलंपिक में पराग्वे के विक्टो काबालेरो को मात देकर यह उपलब्धि हासिल की थी।
पेस के बाद कोई भी भारतीय ओलंपिक में एकल मैच नहीं जीत सका था। 2012 के लंदन ओलंपिक में सोमदेव देववर्मन और विष्णु वर्धन पहले ही दौर पर हार गए थे।
वैसे अगर इस मैच की बात करें तो सुमित के लिए यह मुकाबला आसान नहीं रहा। सुमित को पहले सेट के छठे गेम में इस्तोमिन की सर्विस को तोड़ने का मौका था, जो उन्होंने गंवा दिया। इसके बाद इस्तोमिन की सर्विस तोड़कर उन्होंने पहला सेट जीत लिया। दूसरे सेट में भी वह 4-1 से आगे थे, लेकिन बढ़ते दबाव के चलते वह अपनी सर्विस नहीं बचा सके और इस्तोमिन ने मुकाबले को टाइब्रेकर तक खींचा। अंतिम सेट में नागल ने लय बरकरार रही और मुकाबला जीतकर ही दम लिया।
हालांकि, अगले दौरे में सुमित नागल को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अब उनका सामना रूस के टेनिस स्टार डेनियल मेदवेदेव के साथ होगा।