‘सर, मेरा बच्चा पढ़ने में बहुत कमजोर है। यदि आप इसे घर पर ट्यूशन पढ़ा दें तो बहुत अच्छा रहेगा।’ एक अभिभावक ने शिक्षक से कहा।
‘लेकिन, मेरे पास समय नहीं है। वैसे भी स्कूल में अतिरिक्त कक्षा लगा रहे हैं, वहाँ भेज देना।’
पूर्व राष्ट्रपति एवं शिक्षाविद् सर्वपल्ली राधाकृष्णन की आज जयंती है जिसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सन् 1963 में व्यापक समर्थन से हर साल शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है।
मातृभाषा में शिक्षा का अपना ही मजा हुआ करता है। (आज हमारे नौनिहाल इस सुख से पूर्णतः वंचित कर दिए गए हैं) मातृभाषा में बोलते शिक्षक-शिक्षिकाएँ बनावटीपन से कोसों दूर अपनेपन के साथ सामने होते थे। वो अधिकार भरी डाँट, गलत हिज्जे लगाने पर दीदी (शिक्षिका)
गुरु शब्द सुनते ही हमारे मस्तिष्क में छवि बनती है उन शिक्षकों की जिनसे हमने स्कूल या कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की हैं। इनके साथ ही गुरु वो भी है जो जिनसे हमें कुछ न कुछ सीख मिले।
आज शिक्षक दिवस है। दिवसों की भीड़ में एक और दिवस! कहने को आज मैं आपकी शिक्षिका हूँ, किंतु सच तो यह है कि जाने-अनजाने न जाने कितनी बार मैंने आपसे शिक्षा ग्रहण की है।कभी किसी के तेजस्वी आत्मविश्वास ने मुझे चमत्कृत कर दिया तो कभी किसी विलक्षण ...
आधुनिक युग में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण है। शिक्षक वह पथ प्रदर्शक होता है जो हमें किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला सिखाता है। भारतीय संस्कृति में
शिक्षक द्वारा दी जाने वाली ज्ञान की जो रफ्तार है, उससे एक दिन ऐसा आ जाएगा जब समूचा ब्रह्मांड ज्ञान के समक्ष छोटा लगेगा। आज बढ़ती प्रतियोगिता और बच्चों के बढ़ते ज्ञान ने जिस प्रकार कर्म के साथ समझौता किया है, उससे लगता है कि ज्ञान और कर्म की शिक्षा ...
तब मैं अहिल्याश्रम में पढ़ती थी और श्रीराम ताम्रकर सर हमें नागरिक शास्त्र पढ़ाया करते थे। एक अच्छे इंसान होने के साथ-साथ एक अच्छे गुरु भी वे रहे। मुझे याद है, फिल्म जैसे विषय पर बात करने पर भी जहाँ अन्य शिक्षक डाँट पिलाते थे, वहीं ताम्रकर सर फिल्म ...
भारी वर्षा के दिन थे, कमरे की छत से बूँदें टपक रही थीं। चटाई पर बैठे बच्चे अपने शिक्षक की बात ध्यान से सुन रहे थे। कक्षा में कुल दस बच्चे थे। गरीबी एवं घर की जिम्मेदारी जल्द उठाने के लिए अधिकांश बच्चे कम उम्र में ही स्कूल छोड़ रहे हैं। परंतु एक ...
गुरु और शिष्य के बीच एक अनोखा रिश्ता होता है। गुरु एक घने वृक्ष की तरह अपने शिष्य को हर तरह से छाया प्रदान करता है। चाहे वह एक पिता की भूमिका हो, एक गुरु की या फिर एक पथप्रदर्शक की