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Last Modified: बुधवार, 1 सितम्बर 2021 (19:13 IST)

Afghanistan Crisis : रूसी राष्ट्रपति पुतिन बोले- 20 साल में अमेरिका ने अफगानिस्तान के लोगों को पहुंचाया नुकसान, फिर भी हाथ रहे खाली

Afghanistan Crisis : रूसी राष्ट्रपति पुतिन बोले- 20 साल में अमेरिका ने अफगानिस्तान के लोगों को पहुंचाया नुकसान, फिर भी हाथ रहे खाली - Only Tragedies, Only Losses : Vladimir Putin On US Exit From Afghanistan
अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता हासिल कर चुकी है। बुधवार को आखिरी अमेरिकी सैनिक की वापसी के बाद अफगानिस्तान में अमेरिका का मिशन समाप्त हो गया। दुनिया के देश अफगानिस्तान पर तालिबान के राज को लेकर अमेरिका पर निशाना साध रहे हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान मसले को लेकर अमेरिका को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप से सभी पक्षों को नुकसान पहुंचा है। अमेरिका ने नुकसान के अलावा कुछ भी नहीं हासिल किया है।

उन्होंने कहा कि यह बताता है कि किसी देश पर विदेशी मूल्यों को थोपना असंभव है। अगर कोई किसी के लिए कुछ करता है, तो उन्हें उन लोगों के इतिहास, संस्कृति, जीवन दर्शन के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। उनकी परंपराओं का सम्मान करना चाहिए।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह भी कहा कि अफगानिस्‍तान में लोगों का जान-माल का भारी नुकसान हुआ। इस सबके लिए सीधे तौर पर अमेरिका और वहां रहने वाले लोग जिम्मेदार हैं। अमेरिकी सेना की वापसी के बाद अब मध्य एशियाई देशों की अफगानिस्तान से लगी सीमा पर सुरक्षा प्रबंध कड़े करने की जिम्मेदारी रूस पर आ गई है।

इसके लिए उसने सीमा पर युद्धाभ्यास भी किया है। पुतिन ने अफगानिस्तान में अमेरिका की भागीदारी की आलोचना करते हुए दावा किया कि वहां उसने अपनी 20 साल लंबी सैन्य उपस्थिति से 'शून्य' हासिल किया है। पुतिन ने बुधवार को कहा कि 20 वर्षों तक अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में "... वहां रहने वाले लोगों को सभ्य बनाने की कोशिश कर रही थी।

इसका परिणाम व्यापक त्रासदी, व्यापक नुकसान के रूप में सामने आया .. यह नुकसान दोनों को हुआ, ये सब करने वाले अमेरिका को और इससे भी अधिक अफगानिस्तान के निवासियों को। परिणाम, अगर नकारात्मक नहीं तो शून्य है।’ रूस दस साल तक अफगानिस्तान में युद्ध लड़ता रहा और 1989 में सोवियत सैनिकों की वापसी हुई। रूस ने पिछले कुछ वर्षों में मध्यस्थ के रूप में राजनयिक वापसी की है। (एजेंसियां)
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