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Last Modified: मंगलवार, 9 नवंबर 2021 (18:58 IST)

2016 फिर 2019, क्या आईसीसी टूर्नामेंट में इंग्लैंड का फोबिया तोड़ पाएगा न्यूजीलैंड

2016 फिर 2019, क्या आईसीसी टूर्नामेंट में इंग्लैंड का फोबिया तोड़ पाएगा न्यूजीलैंड - Newzealand eyes to avenge ODI world cup defeat against England
दुबई:जैसे आईसीसी टूर्नामेंट में भारत को न्यूजीलैंड फोबिया रहता है क्योंकि न्यूजीलैंड के हाथों हार मिलते साथ ही हम बाहर हो जाते हैं। वैसे ही न्यूजीलैंड के सामने भी इंग्लैंड फोबिया रहता है।

इंग्लैंड दो बार न्यूजीलैंड को आईसीसी नॉक आउट टूर्नामेंट में हरा चुकी है। पहला तो साल 2016 टी-20 विश्वकप का सेमीफाइनल जिसमें न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हरा दिया था। इसके बाद दोनों आईसीसी वनडे विश्वकप के फाइनल को कौन भूल सकता है।

पहले मैच टाई हुआ और फिर सुपर ओवर भी टाई हुआ। लेकिन इंग्लैंड को वनडे विश्वकप सिर्फ इस कारण दे दिया गया क्योंकि उन्होंने ज्यादा चौके लगाए थे। अगर कल न्यूजीलैंड को मैच जीतना है तो इन दोनों हार को पीछे छोड़ एक नए दिन की तरह मैदान पर उतरना होगा।

न्यूज़ीलैंड 2019 के अनुभव से चिंतित नहीं होंगे:स्टेड

न्यूज़ीलैंड के दल में आठ ऐसे खिलाड़ी हैं जो 2019 के टीम के सदस्य थे। इनमें चोटिल लॉकी फ़र्ग्‍युसन भी शामिल हैं। लेकिन मुख्य कोच गैरी स्टेड मानते हैं 2019 के मैच का बुधवार के मुक़ाबले पर कोई असर नहीं होगा।स्टेड ने कहा , "उस मैच की चर्चा होते हुए मैंने तो नहीं सुनी। मुझे लगता है यह खिलाड़ी एक बार फिर इंग्लैंड से भिड़ने के लिए उत्साहित हैं। उनकी टीम बहुत मज़बूत है और आप हमेशा सर्वश्रेष्ठ टीमों से मुक़ाबला करना चाहते हैं। सो मुझे लगता है सुपर ओवर के अलावा इस मैच और उस मैच में कोई तुलना नहीं होगी।"

पिंडली में चोट के चलते जेसन रॉय भले ही बाक़ी के प्रतियोगिता से बाहर हैं लेकिन स्टेड इंग्लैंड की सफ़ेद गेंद महारथ को कम नहीं आंकते। उन्होंने कहा, "वह एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं और ज़ाहिर सी बात है कि आप ऐसे खिलाड़ी को चोटिल होते नहीं देखना चाहते। हमारे साथ भी लॉकी के संदर्भ में ऐसा हुआ। लेकिन इंग्लैंड जॉनी बेयरस्टो जैसे खिलाड़ी से ओपन करा सकते हैं और उनके पास और भी विकल्प हैं। वह अक्सर मैच की परिस्थिति के आधार पर खिलाड़ियों को ऊपर-नीचे करते हैं और मुझे लगता है हमारे विरुद्ध भी वह ऐसा करेंगे। लेकिन इससे हमें अपनी रणनीति में ख़ास बदलाव नहीं लानी चाहिए। एक दिन का सवाल है। कुछ भी हो सकता है।"

न्यूज़ीलैंड के पास एक ही साल में दो आईसीसी ख़िताब अर्जित करने का अनोखा मौक़ा है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीतने के बाद टी20 विश्व कप में सेमीफ़ाइनल के सफ़र पर स्टेड ने संतोष जताते हुए कहा, "मैं इस टीम पर बहुत गर्व महसूस करता हूं। कैसे यह खिलाड़ी हर बड़े मंच पर अपने गेम को ढालने में सफल रहते हैं। अगर आप हमारी टीम की तुलना बड़ी टीमों से करें तो आपको अंदाज़ा होगा कि यह कितना कठिन और तारीफ़ के क़ाबिल है। हम एक इकाई बनकर लड़ना जानते हैं। अगर आप छोटी चीज़ें लगन के साथ करेंगे तो सफलता मिलते देर नहीं लगती।"

स्टेड के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ आभासी नॉकआउट मैच में न्यूज़ीलैंड की फ़ील्डिंग ने सबसे बड़ा प्रभाव डाला। आधुनिक टी20 क्रिकेट में यह लगभग सभी टीमों की मज़बूत कड़ी है लेकिन न्यूज़ीलैंड ने फिर से दिखाया कि अच्छे क्षेत्ररक्षण के चलते विपक्षी टीम पर दबाव कैसे बढ़ाया जा सकता है।स्टेड बोले, "हमने ख़ासकर कुछ बेहतरीन कैच पकड़े। अगर आप आख़िरी ओवर की पहली गेंद पर डैरिल मिचेल की फ़ील्डिंग देखें तो उन्होंने ना सिर्फ़ उस गेंद पर चार रन बचाए बल्कि शायद पूरे ओवर में 10-12 अधिक रन बनने पर लगाम लगा दी। इससे हमें बल्लेबाज़ी करने में आसानी हुई क्योंकि संभावित 140 को हमने 125 पर सीमित रखा।"

उन्होंने कहा, "इन छोटी चीज़ों से बड़ा अंतर होता है। केन और जिमी ने ज़बरदस्त कैच पकड़े। डेवन ने गोता लगाते हुए एक हाथ से कैच पकड़कर पारी की शुरुआत की। हम ऐसे प्रयासों से प्रेरणा लेते हैं और उम्मीद है इससे गेंदबाज़ भी काफ़ी आत्मविश्वास का एहसास करते हैं।"

इंग्लैंड की टीम में गहराई से सावधान : विलियम्सन

न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के कप्तान केन विलियम्सन ने कहा है कि वह इंग्लैंड के दो प्रमुख खिलाड़ियों जेसन रॉय और टायमल मिल्स के चोटिल होने के बावजूद इंग्लैंड की टीम में गहराई से सावधान हैं और सेमीफाइनल मैच में किसी भी चीज को हल्के में नहीं लेंगे।

विलियम्सन ने यहां मंगलवार को इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच की पूर्वसंध्या पर कहा, “ वे दोनों इंग्लैंड के बड़े खिलाड़ी हैं। यह सच में दुख की बात है कि उन्हें इस प्रतियोगिता में चोट लगी है, लेकिन मुझे लगता है कि इंग्लैंड की एक ताकत उसकी गहराई है जिसे वह लंबे समय से बनाए रखने में कामयाब हुआ है। बर्मिंघम फीनिक्स में कुछ समय बिताने के बाद और उस ‘द हंड्रेड’ कैंप में कुछ समय शामिल होने के कारण आप बता सकते हैं कि इंग्लैंड के पास बहुत बड़ी मात्रा में प्रतिभा है। वह अभी भी बहुत मजबूत पक्ष है जो बहुत अच्छा क्रिकेट खेल रहा है। ”

न्यूजीलैंड के कप्तान ने कहा, “ यहां जब भी कोई चोटिल होता है तो कोई और आता है और आप टॉस तक नहीं जान पाते कि वे कौन हैं, लेकिन आप कोशिश करते हैं और तैयारी करते हैं और जितना हो सके योजना बनाते हैं और फिर जब आप वहां जाते हैं तो आप उस समय प्रतिस्पर्धा कर रहे होते हैं और तब यह सब कुछ मायने रखता है। पर जेसन इंग्लैंड के लिए एक बड़े खिलाड़ी हैं और वह सच में अच्छा खेल रहे थे और जोस के साथ टीम को अच्छी शुरुआत दिला रहे थे, लेकिन जैसा कि मैंने उल्लेख किया है कि गहराई इंग्लैंड की एक प्रमुख ताकत है और हम अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ इसी के मुताबिक योजना बनाने की कोशिश करेंगे। यहां हमारे लिए सबसे बड़ी बात यह भी है कि हम उस तरह के क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं जो हम एक समूह के रूप में खेलना चाहते हैं और ठीक वहीं करना चाहते हैं जो हम इस पूरे टूर्नामेंट में करते आए हैं। ”

उल्लेखनीय है कि विलियम्सन खुद कुछ चोटों से जूझ रहे हैं, जिसके चलते वह मैचों के बीच कम आदर्श प्रशिक्षण ले पा रहे हैं। विलियम्सन इस विश्व कप में पिछले कुछ समय से चल रही कोहनी की समस्या के साथ आए थे, जिसने उन्हें एक अभ्यास मैच से भी बाहर रखा था, लेकिन पांच दिनों के अंदर दोपहर के तीन मैच खेलने के बावजूद वह टूर्नामेंट में अब तक ठीक लगे हैं।

विलियम्सन ने इस बारे में कहा, “ कोहनी की समस्या मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से थोड़ी चुनौती भरी रही है। मैं निश्चित रूप से उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जो चला गया है और मुझे इसके बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन जैसा कि यह समस्या बनी हुई है, इसलिए यह चर्चा का विषय है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि जितना संभव हो सके मैच में तरोताजा रहूं, फिजियो के साथ मिलकर काम करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन इसका बहुत असर पड़ा है, इसलिए सच कहूं तो प्रशिक्षण थोड़ा ही हो पा रहा है। ”
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