दुबई: पाकिस्तान के फिनिशर बन रहे आसिफ़ अली ने टी20 विश्व कप में अब तक 19 गेंदें खेली हैं, जिस पर उन्होंने सात छक्के लगाए हैं। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने 12 गेंदों पर नाबाद 27 रन बनाये थे तो अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ उन्होंने 7 गेंदों पर नाबाद 25 रन बनाए। इसके बाद उन्होंने कहा, "और कोई हुकूम पाकिस्तान? मैं इस्लामाबाद यूनाइटेड और उन सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने बुरे वक़्त में मेरा साथ दिया।"
यह आश्चर्य की बात नहीं है कि आसिफ़ ने इसके लिए सबसे पहले अपनी पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) फ़्रेंचाइज़ी इस्लामाबाद को शुक्रिया कहा। वह छक्के तो लगा रहे थे, लेकिन उसे बड़ी पारी में नहीं तब्दील कर पा रहे थे, ख़ासकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर।
आलोचकों को दिया जवाबउनके समर्थकों का मानना था कि आसिफ़ को पर्याप्त मौक़े नहीं मिले, वहीं उनके आलोचक कहते थे उन्हें यह भी मौक़ा नहीं मिलना चाहिए था।लेकिन लगातार दो मैचों में आसिफ़ ने अपने आलोचकों को ग़लत साबित किया। 19वें ओवर में उन्होंने एक कम अनुभवी गेंदबाज़ करीम जनत को लेग साइड की छोटी बाउंड्री पर टारगेट किया।
क्रीज़ के भीतर से यॉर्कर का इंतज़ार कर रहे आसिफ़ ने पहली गेंद को जनत के सिर के ऊपर से भेजा, वहीं दूसरी बैक ऑफ़ लेंथ गेंद को उन्होंने डीप मिडविकेट पार कराया। दो स्लॉट में पड़ी ओवरपिच गेंदों को उन्होंने लांग ऑफ़ से ऊपर भेजकर पाकिस्तानी टीम को एक ओवर पहले ही जीत दिला दी।
आसिफ़ ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, "मैं आलोचनाओं का ध्यान नहीं देता। मैं सोशल मीडिया को भी फ़ॉलो नहीं करता, मैं इससे बहुत दूर हूं। मेरा रोल कुछ ऐसा है कि मैं कभी टीम में अंदर आता हूं तो कभी बाहर कर दिया जाता हूं। मैं घरेलू क्रिकेट खेलने के साथ-साथ दुनिया भर में लीग क्रिकेट खेलता हूं, इसलिए मैं टच में था। मैं टीम में एकमात्र ऐसा हूं, जो सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने प्रदर्शन की बदौलत यहां है।"
आसिफ ने आगे कहा, "मैंने अंतिम सीरीज़ दक्षिण अफ़्रीका और ज़िम्बाब्वे में खेली थी। मैं उस सीरीज़ में नंबर 6 पर बल्लेबाज़ी के लिए आता था। लोग कहेंगे कि मैं उस दौरे पर तीन पारियों में सिर्फ़ 10 रन बना पाया, लेकिन कोई यह नहीं बताएगा कि मैंने सिर्फ़ तीन या चार गेंदें खेली।"
अफगानिस्तान के खिलाफ पारी के बारे में उन्होंने कहा, "आज लेग साइड में एक तरफ की बाउंड्री छोटी थी। लेकिन वे ऑफ़ साइड में काफ़ी दूर गेंदें फेंक रहे थे। इसलिए मुझे मैदान के बड़े हिस्से में छक्के लगाने पड़े, जबकि प्लान यह था कि मैं छोटी बाउंड्री को टारगेट करूँ। शुक्र है कि हम मैच जीत गए।"
आसिफ़ ने अपनी सफलता के लिए पाकिस्तानी टीम प्रबंधन का भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने एक लक्ष्य के तहत आसिफ़ को डेथ ओवर में बल्लेबाज़ी का अभ्यास कराकर उन्हें ऐसी मैच परिस्थितियों के लिए तैयार किया।उन्होंने कहा, "मेरी अंतिम सीरीज़ अच्छी नहीं गई थी। मैंने फिर बहुत मेहनत की, अब देखिए परिणाम आपके हाथ मे है। मैंने इस फ़िनिशर की भूमिका के लिए बहुत मेहनत की है।"
आसिफ़ ने पाकिस्तान के पूर्व कोच मिस्बाह उल हक़ का विशेष रूप से धन्यवाद दिया, जो इससे पहले घरेलू क्रिकेट में फ़ैसलाबाद के लिए भी उनके कोच रह चुके हैं। आसिफ़ ने कहा कि उन्होंने मुझ पर काफ़ी मेहनत की है और मैं उनका ताउम्र शुक्रगुज़ार रहूंगा।
(वार्ता)