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तीज पर अच्छा दिन देख कर ही बनाएं सत्तू के व्यंजन, जानें क्यों ? अभी नोट करें रेसिपी

तीज पर अच्छा दिन देख कर ही बनाएं सत्तू के व्यंजन, जानें क्यों ? अभी नोट करें रेसिपी - Kajari Teej Food 2023
Kajari Teej 2023 Recipes : कब और कब बनाएं सत्तू के व्यंजन : कजरी/ सातुड़ी तीज पर खास तौर पर सत्तू की मिठाइयां बनाई जाती है। जिसमें सत्तू, चने, चावल, गेंहू, जौ आदि के बनते हैं। सत्तू अच्छी तिथि या वार देख कर बनाने चाहिए। मंगलवार और शनिवार को नहीं बनाए जाते हैं। तीज के एक दिन पहले या तीज वाले दिन भी बना सकते हैं।
 
सत्तू की मिठाई सवाया, जैसे सवा किलो या सवा पाव के हिसाब से बनाने चाहिए। इसमें सत्तू को पिंड के रूप जमा लेते है। उस पर सूखे मेवे इलायची और चांदी के वर्क से सजाकर बीच में लच्छा, एक सुपारी भी लगा सकते हैं। पूजा के लिए एक छोटा लड्‍डू तीज माता के लिए बनाना चाहिए। कलपने के लिए सवा पाव या मोटा लड्‍डू बनना चाहिए व एक लड्‍डू पति के हाथ में झिलाने के लिए बनाना चाहिए। कुंवारी कन्या लड्‍डू अपने भाई को झिलाती है। सत्तू आप अपने सुविधा के हिसाब से ज्यादा मात्रा में या कई प्रकार के बना सकते हैं। 
 
2 सितंबर को कजरी तीज पर्व मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं इस खास पर्व पर बनाई जाने वाली मिठाई के बारे में। आइए यहां जानें सत्तू की मिठाई बनाने की कुछ आसान विधियां... 
 
चना दाल सत्तू 
 
सामग्री :
चना दाल का सत्तू बनाने के लिए 500 ग्राम सिंकी हुई चने की दाल (फुटाणे की दाल), 500 ग्राम पिसी शकर, 300 ग्राम घी, इलायची, चांदी का वरक, बादाम, पिस्ता, कालीमिर्च, खड़ी सुपारी।
 
विधि : 
सर्वप्रथम सिंकी हुई चने की दाल को मिक्सर में अच्छी तरह बारीक पीसकर पिसी हुई शकर में मिलाकर छलनी से छान लें। अब घी को हल्का गरम करके चना दाल व शकर के मिश्रण में मिला दें तथा इलायची भी पीसकर मिला दें। इसे दोनों हथेलियों से अच्छा मसल कर मिलाएं ताकि एकसार हो जाए, फिर थाली में पिंडे के आकार में जमा दें। पिंडे के ऊपर चांदी का वरक लगाएं तथा बीच में एक सुपारी और आसपास कालीमिर्च के दाने, बादाम, पिस्ता से सजाएं। ठंडा होने पर इस मिठाई का भोग माता को चढ़ाएं, फिर मेहमानों को खिलाएं।

सत्तू के लड्‍डू
 
सामग्री :
250 ग्राम सत्तू का आटा (बाजार में तैयार मिलता है), 250 ग्राम शकर का बूरा, 100 ग्राम घी, 1 चम्मच पिसी इलायची, पाव कटोरी मेवे की कतरन।
 
विधि :
सबसे पहले घी को पिघाल लें। अब एक परात में सत्तू का आटा छान लें। उसमें घी, शकर का बूरा और पिसी इलायची डालें और मिश्रण को हाथ से एकसार कर लें। अब इसमें मेवे की कतरन डालें और अपने स्वेच्छानुसार गोल-गोल लड्‍डू बना लें। अब सातुड़ी या कजली, कजरी तीज पर सत्तू के लड्‍डू से तीज माता को भोग लगाएं और सबको इसका प्रसाद खिलाएं।

मैदे का सत्तू
 
सामग्री :
300 ग्राम घी, 500 ग्राम मैदा, 500 ग्राम शकर का बूरा, 100 ग्राम दूध, इलायची, बादाम, पिस्ता, कालीमिर्च व चांदी का वरक।
 
विधि :
सबसे पहले मैदे को दूध के छींटे डाल-डालकर गीला कर लें। फिर किसी बर्तन में 1-2 घंटे दबाकर रखें। दो घंटे के पश्चात गीले मैदे को बारीक छलनी पर रखकर रगड़ें। छलनी के नीचे बारीक-बारीक बूंदी के समान मैदा निकलेगा। उसे कड़ाही में धीमी आंच में हल्का गुलाबी रंग होने तक गरम करें। 
 
ठंडा होने पर पिसी हुई शकर में मिलाकर छलनी से छान लें। अब घी को हल्का गरम करके मैदा व शकर के मिश्रण में मिला दें तथा इलायची पाउडर मिला दें। इसे दोनों हथेलियों से तब तक मसल कर मिलाएं, जब तक कि वो ताकि एकसार न हो जाए। अब थाली में अपनी पसंद के आकार में जमा दें।
 
ऊपर से चांदी का वरक लगाकर बादाम, पिस्ते से सजाएं और ठंडा होने पर तीज माता को भोग लगाकर खुद भी खाएं और सभी को खिलाएं। 


गेहूं के लड्‍डू
 
सामग्री :
500 ग्राम गेहूं का बारीक आटा, 550 ग्राम पिसी शकर, 300 ग्राम घी, इलायची, चांदी का वरक, बादाम, पिस्ता, कालीमिर्च।
 
विधि :
सर्वप्रथम गेहूं के आटे को कड़ाही में धीमी आंच में सेक लें। जब हल्का गुलाबी रंग का हो जाए तब उसे ठंडा कर पिसी हुई शकर में मिलाकर छलनी से छान लें। अब घी को हल्का गरम करके गेहूं व शकर के मिश्रण में मिला दें तथा इलायची भी मिला दें। इसे दोनों हथेलियों से अच्छा मसल कर मिलाएं और लड्डू के आकार में बनाकर चांदी का वरक लगाएं। सातुड़ी तीज पर मेहमानों को खिलाएं।

 
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