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Written By नृपेंद्र गुप्ता
Last Updated : शनिवार, 27 मई 2023 (15:34 IST)

क्या 5 साल में 1 लाख तक पहुंचेगा सेंसेक्स, दिग्गज क्रिस वुड के दावे में कितना दम?

क्या 5 साल में 1 लाख तक पहुंचेगा सेंसेक्स, दिग्गज क्रिस वुड के दावे में कितना दम? - will sensex touch 1 lakh mark in 5 years
Sensex : ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के ग्लोबल हेड, क्रिस वुड ने दावा किया कि भारतीय सेंसेक्स अगले कुछ सालों में 100000 के पार पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे अगले 5 साल में इस लक्ष्य के हासिल होने की उम्मीद है। वुड ने कहा कि लांग टर्म में शेयर बाजार में तेजी जारी रहेगी। हालांकि अगले 12 महीने के दौरान यह सवाल हावी रहेगा कि मोदी सरकार फिर से सत्ता में आएगी या नहीं। साथ ही रिटेल इनवेस्टर्स की एक्टिविटी में गिरावट भी चिंता का विषय है।

क्या कहते हैं एक्सपर्टस : हालांकि भारतीय शेयर बाजार से जुड़े लोग पूरी तरह वुड की बात से इत्तेफाक नहीं रखते। कुछ लोगों का कहना है कि भारत जिस तरह से तेजी से ग्रो कर रहा है सेंसेक्स अगले 5 सालों में 1,00,000 का आंकड़ा छू सकता है। वहीं कुछ लोग मानते हैं कि बाजार बढ़ेगा लेकिन फिलहाल अगले 5 सालों 1,00,000 तक पहुंचने की संभावना नहीं है।  
 
शेयर बाजार एक्सपर्ट सागर अग्रवाल ने कहा कि हमारी जीडीपी दूसरे देशों की तुलना में तेजी से आगे बढ़ रही है। जीएसटी क्लेक्शन भी तेजी से बढ़ रहा है। भारत में विश्व स्तर के निवेशक भारत में निवेश कर रहे हैं। ऑटो मोबाइल सेक्टर इलेक्ट्रॉनिक में शिफ्ट हो रहा है। आने वाले 5 सालों में 50 प्रतिशत गाड़ियां इलेक्ट्रॉनिक पर आ जाएगी। इससे क्रूड पर निर्भरता कम होगी।
 
हम ग्रीन एनर्जी पर फोकस कर रहे हैं। हाइड्रोजन एनर्जी पर काम हो रहा है। इस वजह से देश का बिजनेस बढ़ेगा, एक्सपोर्ट बढ़ेगी, जॉब्स बढ़ेगी, करेंसी मजबूत होगी इससे सेंसेक्स भी तेजी से आगे बढ़ेगा।

शेयर बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा ने कहा कि भारत वर्ल्ड लीडर के रूप में उभर रहा है, यहां की अर्थव्यवस्था भी अच्छी है। लांग टर्म में आईटी सेक्टर, एनर्जी सेक्टर, फार्मा सेक्टर में ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं। फिलहाल यूरोप और अमेरिका के सेंटिमेंट्स हिले हुए हैं। वहां मंदी की आशंका है। इसका असर भारतीय शेयर बाजारों पर भी दिखाई दे सकता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि 1 लाख के आंकड़े को छूने में थोड़ा समय लग सकता है। 
 
वहीं शेयर बाजार में पिछले 17 सालों से ट्रेडिंग कर रहे सुमित सोलंकी ने कहा कि सेसेंक्स पिछले कुछ सालों से लगातार ग्रो कर रहा है। हर 2-4 साल में एक फॉल आता है। यह लगातार ग्रो नहीं करने वाला है। कहीं ना कहीं वापस नीचे आएगा। इसमें ग्रोथ मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं है कि एकदम 1 लाख हो जाएगा। जब बाजार बढ़ता है तो भारतीय निवेशक बुलिश हो जाते हैं। जब बाजार गिरता है तो लोग एकदम निगेटिव भी हो जाते हैं।
 
कैसा रहा सेंसक्स का सफर : सेंसेक्स को 1000 से 62,000 तक का सफर तय करने में 32 साल का समय लगा। जुलाई 1990 में सेंसेक्स ने पहली बार 1000 का आंकड़ा छुआ था। 16 साल बाद फरवरी 2006 में पहली बार सेंसेक्स 10,000 पार हुआ। हालांकि 10,000 से 20,000 तक का सफर मात्र 22 माह में पूरा कर लिया।
 
मार्च 2015 में सेंसेक्स 30000 तक पहुंच गया। 4 साल बाद 2019 में सेंसेक्स पहली बार 40 हजारी हुआ। जनवरी 2021 में इसने पहली बार 50,000 के आंकड़े को छुआ। इसके बाद मात्र 8 माह में यह 60,000 के पार जा पहुंचा। अक्टूबर 2021 में इसने पहली बार 62,000 का आंकड़ा टच किया।
 
देखा जाए तो भले ही सेंसेक्स को 1000 से 10000 तक पहुंचने में 16 साल लगे हो लेकिन 40 हजार से 62 हजार के बीच का सफर बीएसई के इंडेक्स ने मात्र 2 साल में तय कर लिया। 
 
शेयर बाजार में क्यों होता है उतार चढ़ाव : शेयर बाजार में जब किसी शेयर की मांग अधिक होती है और बिक्री के लिए शेयर कम उपलब्ध हो तो उसके भाव बढ़ जाते हैं। इसी तरह जब‍ शेयर की मांग कम हो और दाम ज्यादा तो उसकी कीमत गिर जाती है।
 
शेयर बाजार पर राष्‍ट्रीय घटनाओं के साथ ही अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर होने वाली घटनाओं का भी असर होता है। अगर मानसून अच्छा है तो बाजार में पैसा आएगा और शेयर बाजार बढ़ेगा। इसी तरह सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक कदमों का असर भी बाजार पर अच्छा ही पड़ेगा। अगर रिजर्व बैंक ने रेपो दर घटाई तो लोन सस्ता होगा। इससे बैंकिंग सेक्टर, रियलिटी सेक्टर को फायदा होगा और उसके शेयरों के दाम बढ़ जाएंगे। 
 
युद्ध, आर्थिक मंदी, रुपए में गिरावट आदि खबरों का बाजार पर नकारात्मक असर पड़ेगा। इसी तरह अगर अमेरिका समेत किसी भी देश का बाजार गिर रहा है तो भारतीय बाजार में भी गिरावट की संभावना ज्यादा रहेगी।
 
बहरहाल वुड ही नहीं, दुनिया के तमाम बड़े शेयर एक्सपर्ट्स भारतीय शेयर बाजारों में काफी संभावनाएं देखते हैं। भारतीय ट्रेडर्स भी मानते हैं कि बीएसई और एनएसई दोनों में काफी संभावनाएं है। आंकड़े भी इस बात की ओर इशारा करते हैं कि सेंसेक्स भले ही 1 लाख के आंकड़े को 5 साल में ना छू पाएं लेकिन यह दूर की कौड़ी नहीं है।  
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