Last Modified: राँची (भाषा) ,
सोमवार, 28 जनवरी 2008 (14:29 IST)
जवान की नजर है गिनीज रिकॉर्ड पर
सेना का एक जवान फुटबॉल का खिलाड़ी है और फुटबॉल को लगातार उछालते रहने की अपनी क्षमता के बल पर 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में स्थान पाने का प्रयास कर रहा है। उनका यह हुनर उन्हें सेना के उच्चाधिकारियों और झारखंड के खेलमंत्री की सराहना दिला चुका है।
दार्जिलिंग में तैनात सेना की 17वीं बिहार रेजीमेंट के अशोक ओरांव का कहना है मैं फुटबॉल को जमीन पर गिराए बिना लगातार 27 घंटे तक उछाल सकता हूँ। मैंने पिछले साल अपने गाँव में ऐसा किया था और जब भी मौका मिलेगा मैं दोबारा ऐसा कर सकता हूँ।
ओरांव सेना के शीर्ष अधिकारियों मुख्यमंत्री मधु कौड़ा और राज्य के खेलमंत्री बंधु तिर्की के सामने अपने हुनर का प्रदर्शन कर चुके हैं और तिर्की ने तो उनकी प्रतिभा से खुश होकर पिछले वर्ष अगस्त में उसे 10 हजार रुपए का चैक दिया था।
लांस नायक ओरांव की इच्छा है कि वह मार्टिनो एडुआर्डो, ओरिज थामस लुंडमैन और एरिक हर्नांडेज द्वारा स्थापित किए रिकॉर्ड में सुधार करें। उनका कहना है मैंने इन तीनों का समय देखा है और मेरा दावा है कि एक दिन मैं इनके रिकॉर्ड में सुधार करूँगा।
ओरिज ने 2 और 3 अगस्त 2003 को लगातार 19 घंटे 30 मिनट तक फुटबॉल को अपने हाथों और पैरों की मदद से उछालकर यह रिकॉर्ड बनाया था। इस दौरान उसने फुटबॉल को जमीन पर नहीं गिरने दिया।
लुंडमैन ने 27 फरवरी 2004 को आठ घंटे 32 मिनट तक अपने सिर से फुटबॉल को लगातार आठ घंटे तक उछाला था और हर्नांडेज के नाम रिकॉर्ड है कि उन्होंने ने अपने सिर से फुटबॉल को 319 बार उछाला।