जर्मनी ने इंग्लैंड को 4-1 से रौंदा
यूरोप की दो शक्तिशाली टीमों जर्मनी और इंग्लैड के बीच जिस महामुकाबले की उम्मीद की जा रही थी, वह देखने को नहीं मिला पाया और जर्मनी ने थॉमस म्यूलर के तीन मिनट के भीतर दागे गए दो गोलों की मदद से इंग्लैंड को 4-1 से रौंदते हुए क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया।इंग्लैंड के स्टार खिलाड़ी डेविड बैकहम इस मैच में अपने देश के खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए मौजूद थे लेकिन लगता है रेफरी के उस एक फैसले ने इंग्लैंड की टीम को तोड़कर रख दिया था और जो जज्बा इंग्लैंड ने पहले हाफ में दिखाया था, वह दूसरे हाफ में नदारद दिखाई दिया। रेफरी की इस एक गलती को छोड़ दिया जाए तो मैच में पूरी तरह जर्मन टीम छाई रही। उसने वही खेल दिखाया, जिसकी बदौलत उसने अपने पहले ग्रुप मैच में ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से रौंदा था। इंग्लैंड ने पहले हाफ में बराबरी का संघर्ष किया था लेकिन दूसरे हाफ में उसके खिलाड़ी खासतौर पर डिफेंडर जैसे गोल का बचाव करना ही भूल गए, जिसका फायदा उठाकर म्यूलर ने तीन मिनट के अंतराल में दो निर्णायक गोल ठोक डाले।स्टेडियम में 41 हजार दर्शकों की मौजूदगी में मैच काफी तेज गति से खेला गया। एक मैच के निलंबन के बाद टीम में लौटे क्लोस ने जर्मन आक्रमण की धार को तेज गति प्रदान की। क्लोस ने 20वें मिनट में ही इंग्लिश रक्षापंक्ति की सुस्ती का फायदा उठाते हुए जर्मनी को बढ़त दिला दी। उन्होंने अपने गोलकीपर मैन्युअल न्यूएर के लंबे शॉट को संभालते हुए इंग्लिश बाक्स में घुसकर अपने शानदार शाट से इंग्लैंड के गोलकीपर डेविड जेम्स को परास्त कर दिया।हालाँकि मैच के 30वें मिनट में क्लोस के एक प्रयास को गोलकीपर जेम्स ने बचा लिया लेकिन इसके दो मिनट बाद ही स्ट्राइकर लुकास पोदोलस्की ने बेहतरीन ड्राइव से जर्मनी की बढत 2-0 कर दी। म्यूलर और मेसुत ओजिल ने बेहतरीन तालमेल के साथ शानदार मूव बनाया और गेंद पोदोलस्की को थमाई जिन्होंने जर्मनी का दूसरा गोल करने में कोई गलती नहीं की।दो गोल से पिछड़ने के एक मिनट बाद ही लेम्पार्ड के एक शॉट को न्यूएर ने बचाया और फिलिप लाम ने गेंद को गोल के ठीक सामने से क्लीयर कर दिया, लेकिन 37वें मिनट में मैथ्यू उप्सन ने इंग्लैंड का खाता खोल दिया। स्टीवन गेरार्ड के क्रास पर उप्सन का बेहतरीन हैडर सीधे गोल में घुस गया।इस गोल से उत्साहित इंग्लैंड ने जर्मन डिफेंस को जैसे झकझोर दिया। एक मिनट बाद ही लेम्पार्ड का 20 मीटर की दूरी से लगाया बेहतरी शॉट क्रॉस बार के अंदरूनी हिस्से से टकराया और गेंद गोललाइन के अंदर टप्पा खा गई, लेकिन जर्मन गोलकीपर ने टप्पा खाई गेंद को संभाल लिया और उरुग्वे के रेफरी लेरिओंडा तथा उनके हमवतन लाइनमैन पाब्लो फेंडिनो इसे पूरी तरह नजरअंदाज कर गए और उनका मानना था कि गेंद ने गोललाइन को पार नहीं किया है।रेफरी की इस गलती की तुलना 1966 में इंग्लैंड और पश्चिम जर्मनी के बीच हुए फाइनल के साथ की जा सकती है, जब ज्याफ हर्स्ट का इंग्लैंड के लिए तीसरा गोल मान्य करार दिया गया था जबकि जर्मन खिलाड़ियों का दावा था कि गेंद ने क्रॉस बार से टकराकर नीचे आने के बाद गोललाइन पार नहीं की थी। इंग्लैंड ने यह खिताबी मुकाबला 4-2 से जीता था लेकिन आज उसे 1-4 की पराजय झेलनी पड़ी।दूसरा हाफ शुरू होने के सात मिनट बाद ही लेम्पार्ड की जबर्दस्त फ्री किक क्रॉस बार के ऊपरी हिस्से से टकरा गई। जर्मनी ने अपनी बढ़त को बनाए रखने की कोशिश में सब कुछ झोंक रखा था और उसके युवा खिलाडी म्यूलर ने तीन मिनट में दो गोल दागते हुए इंग्लैंड की चुनौती को खत्म कर डाला।जर्मनी के लिए मैच विजयी प्रदर्शन करने वाले म्यूलर ने कहा कि आज भाग्य हमारे साथ था और हमने शुरू में ही बढत बना ली थी। मैच में 3-1 से आगे होने के बाद मैच पूरी तरह हमारे कब्जे में आ गया था।दूसरी तरफ इंग्लैंड की हार से निराश नजर आ रहे कोच फेबियो कपैलो ने कहा कि रेफरी की गलती ने मैच का रख बदल डाला। हमने भी कुछ गलतियाँ की थी लेकिन रेफरी ने तो महाभूल की थी, लेकिन इस जीत का श्रेय जर्मन टीम को जाता है जिसने वाकई बेहतरीन खेल दिखाया। 2-1 के स्कोर तक हम अच्छा खेल रहे थे लेकिन तीसरा गोल हो जाने के बाद बाजी हमारे हाथ से निकल चुकी थी। (वार्ता)