जर्मन मीडिया 44 साल बाद ‘बदला’ लेने पर खुश
फीफा विश्व कप के प्री क्वार्टर फाइनल में चिरप्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड को 4-1 से रौंदने वाली जर्मनी टीम ने 44 साल बाद बाद 1966 विश्व कप के फाइनल में मिली हार का बदला लिया है। यह कहना है इस जीत से बेहद खुश जर्मनी मीडिया का।जर्मनी के सबसे बड़े अखबार ‘बिल्ड’ ने लिखा, ‘धन्यवाद फुटबॉल भगवान’ (थैंक यू फुटबॉल गॉड)। इसमें आगे लिखा है, ‘44 साल बाद हमने बराबरी की है। अब इंग्लैंड को पता चलेगा कि हमने इतने साल कैसा महसूस किया।’ इस अखबार में 1966 और 2010 की घटनाओं के फोटो भी छापे गए हैं। विश्व कप 1966 के फाइनल में इंग्लैंड ने अतिरिक्त समय में दो गोल दागकर जर्मनी को 4-2 से हराया था।फीफा ने बड़ी स्क्रीन की आलोचना की : विश्व कप प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले के दौरान स्टेडियम में लगी बड़ी स्क्रीन पर मैक्सिको के खिलाफ अर्जेंटीना का विवादित पहला गोल बार-बार दिखाए जाने की फीफा ने कड़ी आलोचना की।जोहानसबर्ग के सॉकर सिटी स्टेडियम में अर्जेन्टीना के फारवर्ड कारलोस तेवेज के गोल को विशाल स्क्रीन पर देखकर मैक्सिको के खिलाड़ियों ने रैफरी रोबर्ट रोसेटी को यह कहकर विरोध जताया कि गेंद हिट करते समय तेवेज ऑफसाइड थे। फीफा प्रवक्ता निकोलस मैनगट ने कहा कि बड़ी स्क्रीन पर इस तरह की घटनाओं को बार बार नहीं दिखाया जाना चाहिए।करोड़ों का सट्टा लगा रहे चार सट्टेबाज गिरफ्तार : हांगकांग पुलिस ने छापेमारी के दौरान विश्व कप मैचों पर अवैध रूप से दो करोड़ 20 लाख डॉलर का सट्टा लगा रहे चार सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया है।पुलिस विभाग ने बयान में कहा कि रविवार को एक होटल के कमरे में छापा मारा, जहाँ से पुलिस ने अवैध सट्टेबाजी के दस्तावेज जब्त किए। पुलिस ने इस मामले में सात कम्प्यूटर, 24 मॉनीटर और 10 मोबाइल फोन सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया।पुलिस प्रवक्ता तेरेस ली ने कहा कि यह छापा जर्मनी और इंग्लैंड के बीच विश्व कप के प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले से ठीक पहले मारा गया था।मरम्मत में जुटा ग्राउंड स्टाफ : नेल्सन मंडेला बे स्टेडियम में होने वाले विश्व कप क्वार्टर फाइनल के लिए ग्राउंड स्टाफ क्षतिग्रस्त पिच की मरम्मत करने में जुटा है।इस स्टेडियम की पिच भारी बारिश और तीन सप्ताह में पाँच मैचों की वजह से खराब हो गई थी। खिलाड़ियों और टीम प्रबंधकों ने भी खराब पिच की जमकर आलोचना की।स्टेडियम में मौजूद एक मजदूर ने कहा कि मैं सुबह चार बजे से यहाँ हूँ और हम पिच को सही करने के लिए 19-20 घंटे मेहनत कर रहे हैं, लेकिन हमें मौसम के भी साथ की जरूरत है।स्टेडियम में नहीं जुट रहे दर्शक : उरुग्वे और दक्षिण कोरिया के बीच यहाँ के नेल्सन मंडेला बे स्टेडियम में हुए विश्व कप के दूसरे दौर के मुकाबले में उम्मीद के अनुसार फुटबॉल प्रेमी नहीं आए। आलम यह था कि यहाँ कई सारी सीटें खाली पड़ी रहीं और अन्य मैचों जैसा धूमधड़ाका भी नहीं हुआ।उरुग्वे ने इस मुकाबले में दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराया। इस स्टेडियम की क्षमता 42 हजार है, जिसमें से 12 हजार सीटें खाली पड़ी रहीं।आधिकारिक रूप से इस मैच में 30597 दर्शक मैच देखने पहुँचे जो विश्व कप मे यहाँ अब तक हुए कुल छह मैचों में सबसे कम संख्या थी। फीफा ने कहा कि इस मैच की पाँच हजार टिकटें नहीं बिकी जबकि अन्य डेढ़ हजार लोग टिकट खरीदने के बावजूद मैच देखने नहीं पहुँचे। (भाषा)