ग्रैंडमास्टर विदित गुजराती बचपन में हर भारतीय बच्चे की तरह क्रिकेटर बनने का सपना देखते थे लेकिन संयोग से उनकी दिलचस्पी शतरंज में होने लगी और अब उन्हें लगता है कि यह बहुत सुखद संयोग था।
गुजराती हाल में बुडापेस्ट में ओलंपियाड में ओपन वर्ग में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पांच सदस्यीय भारतीय पुरुष टीम का हिस्सा थे। यह उपलब्धि और भी यादगार बन गई क्योंकि भारतीय महिला टीम ने भी स्वर्ण पदक जीता।
गुजराती ने पीटीआई से कहा, मैं शतरंज में संयोग से आया। जब मैं छह साल का था तो बहुत शरारती था। मेरे माता-पिता मुझे किसी गतिविधि में शामिल करना चाहते थे। मैं हर भारतीय बच्चे की तरह क्रिकेट खेलता था।
उन्होंने कहा, वह मुझे एक क्लब में ले गए और वहां सीजन बॉल के साथ क्रिकेट खेला जाता था। इसलिए मेरे पापा ने कहा कि एक साल रुक जाओ और फिर क्रिकेट खेलो। तब तक कोई दूसरा खेल चुनो। इसलिए मैंने शतरंज खेलना शुरू कर दिया।
शतरंज ओलंपियाड विजेता गुजराती अजरबेजान में खिताब का बचाव नहीं करेंगे, प्रधानमंत्री मोदी से मिले
शतरंज ओलंपियाड में भारत को पहली बार स्वर्ण पदक दिलाने वाले खिलाड़ियों में शामिल विदित गुजराती ने अजरबेजान में 10वें वुगार गाशिमोव स्मृति टूर्नामेंट में अपने खिताब का बचाव नहीं करने का फैसला किया है जबकि वह बुधवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे।
गुजराती ने पिछले साल हमवतन अर्जुन एरिगेसी को पछाड़कर अजरबेजान में खिताब जीता था।
गुजराती डी गुकेश, आर प्रज्ञानानंदा और एरिगेसी की मौजूदगी वाली उस भारतीय पुरुष टीम का हिस्सा थे जिसने हाल में ओपन वर्ग में शतरंज ओलंपियाड का स्वर्ण पदक जीता।
गुजराती ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सूचित किया कि वह प्रतियोगिता के लिए बाकू पहुंच गए थे लेकिन सम्मान समारोह के बारे में पता चलने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए स्वदेश लौटने का फैसला किया।
गुजराती ने एक्स पर लिखा, मैं बाकू पहुंच गया था। मुझे पता चला कि माननीय प्रधानमंत्री भारतीय टीम को सम्मानित करना चाहते हैं। जब मैंने यह सुना तो मैं बहुत खुश हुआ और मैं इसका हिस्सा बनना चाहता था। यह आश्चर्यजनक है कि इतनी जल्दी वह हमारे लिए समय निकाल रहे हैं।
गुजराती ने बाद में पीटीआई को बताया कि उन्होंने अजरबेजान टूर्नामेंट से हटने फैसला किया क्योंकि वह प्रधानमंत्री से मिलने का अवसर नहीं खोना चाहते थे।
गुजराती ने PTI
(भाषा) को बताया, यह पूरी तरह से मेरा निर्णय था (अजरबेजान टूर्नामेंट में नहीं खेलना) क्योंकि प्रधानमंत्री ने अपना बहुमूल्य समय हमें दिया था। मैं उनसे मिलने का अवसर नहीं खोना चाहता था। प्रधानमंत्री ने अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद हमें पूरा एक घंटा दिया। उनसे मिलना सम्मान की बात थी और उनके भाषण से प्रेरित हुआ।
बाकू में 25 से 30 सितंबर तक होने वाली इस प्रतियोगिता में अरविंद चिदंबरम 29 वर्षीय गुजराती की जगह लेंगे।गुजराती ने लिखा, मैंने सरखान गाशिमोव (आयोजक) से संपर्क किया और उन्होंने मेरी भावनाओं को समझा। उनका बहुत-बहुत धन्यवाद। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में शीर्ष खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने के लिए अरविंद को शुभकामनाएं।