गुरुवार, 28 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. समाचार
  4. Sumit antil had vowed to bring olympic medal before accident
Written By
Last Updated : मंगलवार, 31 अगस्त 2021 (19:02 IST)

पहलवानी में ओलंपिक मेडल जीतना चाहते थे सुमित, सड़क दुर्घटना में पैर गंवाने के बाद उठाया भाला

पहलवानी में ओलंपिक मेडल जीतना चाहते थे सुमित, सड़क दुर्घटना में पैर गंवाने के बाद उठाया भाला - Sumit antil had vowed to bring olympic medal before accident
भारतीय भाला फेंक पैरा एथलीट सुमित अंतिल ने सोमवार को टोक्यो पैरालंपिक में पुरुषों की भाला फेंक एफ64 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत लिया।

स्पर्धा के फाइनल राउंड में 68.85 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सुमित ने एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण हासिल किया। फाइनल में एक अन्य भारतीय संदीप चौधरी 62.20 मीटर के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ चौथे स्थान पर रहे, जबकि ऑस्ट्रेलिया के माइकल ब्यूरियन ने रजत और श्रीलंका के दुलन कोडिथुवाक्कू ने कांस्य पदक जीता था।

सुमित अंतिल अब एक जाना माना नाम है लेकिन इस खिलाड़ी ने निराशा के घने अंधेरे को चीर कर सफलता की चका चौंध पायी है। हरियाणा के सुमति अंतिल भी कभी पहलवानी में ही देश के लिए ओलंपिक में मेडल लाना चाहते थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

इस हादसे ने बदल कर रख दी जिंदगी

7 जून 1998 को जन्मे सुमित अंतिल 6 साल पहले एक सड़क हादसे में अपना पैर गंवा चुके थे। ऐसे हादसे के बाद कोई भी टूट कर बिखर जाता लेकिन सुमित ने हार नहीं मानी। साल 2015 में एक सड़क दुर्घटना में ट्रेक्टर ट्रॉली ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी थी।

सिर्फ यह हादसा नहीं दुखों का पहाड़ उन पर पहले भी टूट चुका था।जब सुमित 7 साल में थे तो वायुसेना में कार्यरत उनके पिताजी का देहांत हो गया था। सुमित की 3 बहने है, ऐसे में उनकी मां ने कैसा संघर्ष किया होगा इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है।

नकली पैर से किए असली कारनामे

सुमित को कई महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था। लेकिन अगले साल ही एक नकली पैर को उनके अंग में लगाया गया। इसके बाद साई कोच वीरेंद्र धनखड़ के मार्गनिर्देशन में उन्होंने भाला फेंक में अपनी रुचि बढ़ाई। कोच नवल सिंह ने उन्हें इस खेल के गुर सिखाए। साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप में सुमित को 5वीं रैंक मिली। अगले साल उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता और इस ही साल नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर सारी परेशानियों पर विजय पा ली।

एक ही बार में तोड़े 3 रिकॉर्ड

सुमित ने पहले प्रयास में 66.95 मीटर के साथ फाइनल की शुरुआत की, लेकिन उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर का थ्रो किया जो स्वर्ण दिलाने वाली थ्रो साबित हुई। पहले स्थान पर रहे सुमित ने दूसरे प्रयास में 68.08, तीसरे में 65.27, चौथे में 66.71 मीटर का थ्रो किया जबकि उनका छठा और अंतिम थ्रो फाउल रहा

66.95 मीटर का थ्रो रिकॉर्ड ध्वस्त करने वाला थ्रो था लेकिन इसके बाद चंद मिनटों में बनाया विश्व रिकॉर्ड ही उन्होंने दूसरे प्रयास में तोड़ दिया और 68.08 मीटर तक भाला फेंका। पांचवे प्रयास में एक बार फिर 68.55 मीटर तक भाला कुदा कर उन्होंने कुछ मिनटों के अंदर एक और बार विश्व रिकॉर्ड बनाया।
इससे पहले  सुमित अंतिल ने राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में  एफ44 वर्ग में 66.90 मीटर की दूरी के साथ अपने विश्व रिकार्ड में सुधार किया।2020 में अंतिल ने इससे पहले भारतीय एथलेटिक्स संघ द्वारा पटियाला में आयोजित इंडियन ग्रांड प्रिक्स में 66.43 मीटर के रिकार्ड बनाया था।(वेबदुनिया डेस्क)