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Written By WD Sports Desk
Last Updated : मंगलवार, 11 मार्च 2025 (12:00 IST)

भारतीय पहलवानों से लिए बड़ी खुशखबरी, खेल मंत्रालय ने WFI से हटाया बैन

भारतीय पहलवानों से लिए बड़ी खुशखबरी, खेल मंत्रालय ने WFI से हटाया बैन - Sports Ministry withdraws suspension of WFI
खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) पर लगाया गया निलंबन हटा दिया है, जिससे खेल में कई महीनों से बनी अनिश्चितता समाप्त हो गई है और विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन का रास्ता भी साफ हो गया है जिनमें अम्मान में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप के लिए चयन ट्रायल भी शामिल है।
 
मंत्रालय ने संचालन संबंधी गतिविधियों में खामियों के कारण 24 दिसंबर, 2023 को डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था। नई संस्था का गठन इससे तीन दिन पहले 21 दिसंबर को हुआ था।
 
संजय सिंह के नेतृत्व वाली नई संस्था ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) के गढ़ नंदिनी नगर, गोंडा में अंडर -15 और अंडर -20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने की घोषणा की थी जिससे सरकार नाराज थी क्योंकि पूर्व भाजपा सांसद यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे थे।
 
मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि डब्ल्यूएफआई ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं और इसलिए खेल और खिलाड़ियों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने निलंबन हटाने का फैसला किया है।
 
संजय सिंह (Sanjay Singh) ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं इस फैसले के लिए मंत्रालय का आभार व्यक्त करता हूं। अब हम सुचारू रूप से काम कर सकेंगे। खेल के लिए यह बेहद जरूरी था। खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाने के कारण परेशान थे।’’
 
मंत्रालय ने हालांकि डब्ल्यूएफआई से कुछ निर्देशों का पालन करने को कहा है जैसे कि डब्ल्यूएफआई को यह सुनिश्चित करना होगा कि निर्वाचित पदाधिकारियों के बीच शक्ति का संतुलन बना रहे तथा वह स्वयं को निलंबित या बर्खास्त किए गए अधिकारियों से अलग रखे।
 
नए महासचिव प्रेम चंद लोचब विरोधी खेमे से चुने गए थे और मंत्रालय के निर्देश को उसी संदर्भ में समझा जा सकता है।
 
मंत्रालय ने अपने आदेश ने कहा, ‘‘डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी परिषद को इस संबंध में चार सप्ताह के अंदर हलफनामा देना होगा। किसी भी तरह का कोई भी उल्लंघन उचित कानूनी कार्रवाई को आमंत्रित करेगा, जिसमें खेल संहिता के तहत कार्रवाई भी शामिल है।’’
 
इसमें यह भी कहा गया है कि डब्ल्यूएफआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए चयन खेल संहिता के मौजूदा प्रावधानों और यूडब्ल्यूडब्ल्यू (कुश्ती की अंतरराष्ट्रीय संचालन संस्था) द्वारा समय-समय पर जारी नियमों के साथ इस संबंध में जारी अन्य नवीनतम निर्देशों के अनुसार स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए।

डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है जिसका पालन नहीं किया जा सकता।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ हम जल्द ही कार्यकारिणी की बैठक बुलाएंगे और चयन ट्रायल्स के लिए एक परिपत्र भी जारी करेंगे। हमें इन निर्देशों का पालन करने में कोई समस्या नहीं है।’’
 
एशियाई चैंपियनशिप का आयोजन 25 मार्च से जॉर्डन के अम्मान में किया जाएगा।
 
मंत्रालय के निलंबन और प्रमुख पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और सत्यव्रत कादियान द्वारा दायर अदालती मामलों के कारण भारतीय पहलवान ज़ाग्रेब और अल्बानिया में रैंकिंग सीरीज़ टूर्नामेंट में भाग नहीं ले पाए थे।
 
बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले पहलवानों ने तर्क दिया था कि निलंबित होने के कारण डब्ल्यूएफआई के पास राष्ट्रीय टीमों को चुनने का अधिकार नहीं है।
 
अदालत ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को डब्ल्यूएफआई का कामकाज संभालने के लिए तदर्थ पैनल को बहाल करने का निर्देश दिया था, लेकिन देश की सर्वोच्च खेल संस्था ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू केवल डब्ल्यूएफआई को मान्यता देता है और तदर्थ पैनल से प्रविष्टियां स्वीकार नहीं करेगा।
 
यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने आईओए को धमकी दी थी कि अगर उसके प्रशासन में हस्तक्षेप किया गया तो डब्ल्यूएफआई को फिर से निलंबित कर दिया जाएगा।
 
हरियाणा के एक प्रमुख अभ्यास केंद्र से जुड़े एक कोच ने कहा,‘‘यह हम सभी के लिए राहत की बात है कि निलंबन हटा दिया गया है। प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं हो रहा था और युवा खिलाड़ी बिना किसी गलती के खामियाजा भुगत रहे थे। वे टूर्नामेंट नहीं खेल रहे थे, कोई राष्ट्रीय शिविर नहीं था। निलंबन बहुत पहले ही हटा लिया जाना चाहिए था।’’ (भाषा)